असुरक्षित गर्भ समापन से हर साल 70 लाख महिलाएं होती गम्भीर बीमार
गर्भ का चिकित्सीय समापन कानून के 50 साल पुरे होने के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन
वाराणसी। रोहनिया सामाजिक संस्था लोक समिति व सहयोग लखनऊ के द्वारा अंतररास्ट्रीय सुरक्षित गर्भसमापन दिवस तथा गर्भ का चिकित्सीय समापन कानून (MTP Act 1971) के 50 साल पुरे होने के अवसर पर मंगलवार को सिचाई डाक बंगला राजातालाब में अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भ समापन व परिवार नियोजन को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहाँ आराजी लाईन ब्लाक के दर्जनों गाँव से सैकड़ों महिला पुरूष शामिल हुए। कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि हर साल होने वाले 5.6 करोड़ गर्भसमापन में 2.5 करोड़ असुरक्षित होते है | इनमें 22000 लड़कियों और महिलाओं की मृत्यु होती है- जो की दुनियाभर में होनी वाली मातृत्व मृत्यु का 8 % है और अन्य 70 लाख महिलाओं को गंभीर या स्थायी नुकसान होता है | इनमें से बहुत मृत्यु और नुकसान ऐसे है जो रोके जा सकते है और उन देशों /राज्यों में होते है जहां के क़ानून गर्भसमापन पे अनेक तरह के प्रतिबन्ध लगाते है | शोध बताते है के गर्भसमापन पे प्रतिबन्ध लगाने से गर्भसमापन कम नहीं होते है, बल्कि असुरक्षित गर्भसमापन को बढ़ावा देते है।लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि महिला स्वास्थ्य अधिकार अभियान की ओर से पिछले एक हफ्ते से सामुदायिक जागरूकता के तहत आराजी लाइन के गाँव गाँव में बैठके व हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा था। मंगलवार को अंतररास्ट्रीय सुरक्षित गर्भ समापन दिवस के साथ इस साल गर्भ का चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम, 1971 (MTP Act 1971) के 50 साल भी पूरे हो रहे है, लेकिन सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर अभी भी गाँव में जागरूकता की कमी और सुविधाओं का अभाव है।
परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी अभियान के संयोजक रामबचन ने बताया कि बिना डॉक्टर के पर्चे पर मेडिकल स्टोर से मिलने वाली गर्भ निरोधक दवाई, कंडोम, आदि को प्राप्त करने में लोगों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी में लोक समिति द्वारा सहयोग लखनऊ के सहयोग से पाँच गाँव में हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी। जहाँ सैकड़ों लोगों को परिवार नियोजन सम्बन्धित किट,सेनेटरी पैड, कोरोना महामारी से बचने के लिये सेनेटाइज किट लोगों को निःशुल्क वितरित किया गया। साथ ही हेल्प डेस्क के माध्यम से लोगों को खासकर युवाओं को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। समानता के युवा साथियों ने सरकार से माँग किया कि असुरक्षित गर्भ समापन को सुरक्षित बनाने के लिए ज़रूरी है कि, सेवाएं उपलब्ध कराने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए, प्राथमिक उपचार केन्द्रों में उचित गर्भ समापन सेवाएं उपलब्ध कराई जाए । सुरक्षित गर्भ समापन कानून की सुविधाओं व सेवाओं की उपलब्धता हेतु जिले स्तर पर पर्याप्त बजट का प्राविधान किया जाए जिसमे MTP कानून के प्रचार प्रसार का बजट भी शामिल हो |कार्यक्रम का संचालन रामबचन,स्वागत सोनी ने, अध्यक्षता अनीता पटेल और धन्यवाद
ज्ञापन आशा राय ने किया।
कार्यक्रम में मुख्यरूप से रामबचन,अनीता,सोनी,आशा,सरोज,सीमा,समाबानो,मनजीता,मधुबाला, शिवकुमार आदि शामिल रहे।