Breaking News

कलियुग में जीवों के कल्याण के लिए भागवत कथा का श्रवण ही भगवान का मुख्य अवलंब है

अखलाक अहमद

मिर्जामुराद।गौर गांव (मिर्जामुराद) स्थित वंशनारायण सिंह महिला महाविद्यालय में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पंडित परम् पूज्य आनंद मिश्रा ने कहां की कलियुग के आरंभ होने पर ऋषि-मुनियों ने सूत जी से सात महत्वपूर्ण प्रश्न किए। इनमें जीव के कल्याण का मार्ग, शास्त्रों का सार, भगवान के अवतार का कारण, श्रेष्ठ अवतार, श्रीकृष्ण के पराक्रमों का वर्णन और भगवान के निजधाम गमन के बाद धर्म की स्थिति जैसे विषय शामिल थे।
कलियुग में जीवों के कल्याण के लिए भागवत कथा का श्रवण ही भगवान का मुख्य अवलंब है।उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना भजन के प्राणी का कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने श्रीमद्भागवत को सभी शास्त्रों का सार बताते हुए कहा, “भागवत सुन लिया तो सब कुछ सुन लिया, भागवत नहीं सुना तो कुछ नहीं सुना।”
कथावाचक ने आगे बताया कि भगवान का अवतार माया से रहित होता है। वे धर्म की स्थापना और भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। जब भगवान श्रीकृष्ण अपने निजधाम लौटते हैं, तो धर्म भी उनके साथ चला जाता है, लेकिन जो उनकी शरण ग्रहण करता है, उसे ही सच्चा धर्म प्राप्त होता है।कथा के दौरान श्रद्धालु भक्ति संगीत और हरिनाम संकीर्तन में भावविभोर लीन रहे। इस अवसर पर सुरेश सिंह गौतम, राम अवतार सिंह,पद्मश्री सम्मानित चंद्रशेखर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह, प्रभुनारायण मिश्रा, संजीव सिंह गौतम, जिला महामंत्री प्रवीण सिंह गौतम, जिला उपाध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह, डॉ. आशुतोष उपाध्याय, जितेंद्र सिंह ‘डब्लू’, योगेश सिंह, अभिषेक त्रिपाठी ‘सुमित’, डॉ. विजय सिंह, राजेश सिंह, वीरेंद्र विश्वकर्मा, रामजी यादव समेत बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
close