Breaking News

कुछ ही दिनों में नजर आने लगेगा अस्सी घाट का असली स्‍वरूप, शुरु हुआ 5 साल से जमी मिट्टी और सिल्ट को हटाने का काम

वाराणसी

वाराणसी। अस्सी घाट कुछ ही दिनों में अपने पुराने स्वरूप में वापस आएगा। तीन-चौथाई घाट जो पानी और मिट्‌टी (गाद) से ढंक चुका है, उसे वापस पुनर्जीवित किया जा रहा है। नमामि गंगे की टीम ने 5 जेसीबी से सालों से लगे गाद को हटाने का काम शुरू कर दिया है। घाटों के रहवासी बताते हैं कि इससे गंगा और अस्सी का पुराना वाला विहंगम रूप लौट सकेगा। अब अस्सी घाट अपने असल स्वरुप में आ जाएगा। सालों से मिट्टी को हटाया नहीं गया था।

30 फीट से भी ज्यादा खोदाई करने के बाद घाटों का स्वरूप उभर कर आएगा

नमामि गंगे ने इस घाट के साफ-सफाई की जिम्मेदारी विशाल प्रोटेक्शन कंपनी को दी है। इस कंपनी के ऑपरेशन मैनेजर जेपी सिंह ने बताया कि हम गंगा के पानी और घाट के बीच की दूरी को खत्म कर देंगे। अस्सी घाट पर इतना गाद होने से गंदगी बढ़ जाती है, जोकि गंगा के लिए ठीक नहीं। करीब 30 फीट से भी ज्यादा खोदाई करने के बाद घाटों का स्वरूप उभर कर आएगा।

5 साल से ज्यादा समय से मिट्टी में दबे है प्लैटफार्म

गंगा सेवा समिति के बलिराम मिश्र ने बताया कि पुराने अस्सी घाट पर 9 प्लेटफार्म थे, वहीं नए अस्सी घाट पर 7 प्लेटफॉर्म थे। वर्तमान में दोनों घाटों पर केवल 3 प्लेटफॉर्म ही दिखाई दे रहे हैं। बाकी सब 5 साल से ज्यादा समय से मिट्टी में दबे हैं। इस साल बाढ़ भी ज्यादा आई थी इससे और सिल्ट भी जमा हो गई है।

पीएम ने की थी पहली बार सफाई, दिखेगा अलग ही नाजारा

बता दें, प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने यहां पर पहली बार फावड़ा चलाकर साफ-सफाई की शुरूआत की थी। उसके बाद 2016 में शांति लाल जैन और सनबीम भगवानपुर ने इस सफाई अभियान को चलाया था। लेकिन, घाटों का पुराना स्वरूप नहीं लौट सका था। अस्सी घाट मुख्य पर्यटन केंद्रों में भी आता है। शाम होते ही युवा, यात्रियों और लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। गंगा आरती को देखने भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मिट्टी और स्लिट साफ होने से काफी जगह और बन जाएगी। अस्सी का नाजारा भी अलग ही होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
close