उसने मुझको याद रखा है, जब देखो तब ज़ख़्म नया है

अखलाक अहमद
-जश्न-ए-आज़म ज़ैदी के मौके पर ख़ूब जमा महफ़िल-ए-मुशायरा
जयपुर/जोधपुर. उसने मुझको याद रखा है, जब देखो तब ज़ख़्म नया है,भीगा जंगल सूख चुका है, बाहर पानी बर्फ हवा है। हाल ही में आलमी सादत सईद और इंटरनेशनल तनवीर फूल अवार्ड से सम्मानित राजस्थान के मशहूर शाइर एम आई ज़ाहिर ने अपनी ग़ज़ल के ये खूबसूरत अशआर सुना कर सुधि श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। वे ए आर फाउंडेशन सोसाइटी की मेज़बानी में राजा पार्क स्थित पिंक सभागार में विख्यात शाइर डॉ. मीर आज़म अली जैदी के सम्मान में आयोजित जश्न-ए-आज़म ज़ैदी मुशायरे में बतौर मेहमान शाइर कलाम पेश कर रहे थे। उन्होंने श्रोताओं की फ़रमाइश पर ग़ज़लें सुना कर उन्हें भावविभोर कर दिया।
यह शाम यूएई में उर्दू साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए सीडरब्रुक यूनिवर्सिटी, यूएसए से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित करने के उपलक्ष्य में सजाई गई थी। विशिष्ट अतिथि जयपुर आकाशवाणी की केंद्र निदेशक रेशमा ख़ान ने अपनी ताज़ा रचना सुना कर रंग जमाया। मुशायरे में डॉ. आज़म अली ज़ैदी ने अपनी शुक्रिया नज़्म पेश कर रंग जमाया। वहीं फ़रीद अय्यूबी,माजिद अली काविश मुरादाबादी, ग़ुलाम रसूल नियाज़ी, डॉ. ज़ैबा ज़ीनत और डॉ. शाइस्ता मेहजबीन को उनके ख़ूबसूरत कलाम पर श्रोताओं से खूब दाद मिली।
मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिलने पर मीर आज़म ज़ैदी का अभिनंदन
इस मौके पर मीर आज़म ज़ैदी का अभिनंदन किया गया। मुख्य अतिथि राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने अल्लामा इकबाल और कुंवर महेंद्रसिंह बेदी सहर के अशआर के हवाले से देश में सांप्रदायिक सदभाव का माहौल बनाए रखने पर जोर दिया। ए.आर. वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ए.आर. ख़ान ने अध्यक्षीय उदबोधन में शिक्षा व उन्नति के लिए क़दम उठाने की बात कही। अतिथियों ने ज़ैदी को शाल ,माला और टोपी पहना कर उनका अभिनंदन किया। इस मौके प्रख्यात वरिष्ठ पत्रकार इक़बाल ख़ान ने उद्गार प्रकट किए। आख़िर में ए आर ख़ान और और डा मीर आज़म अली ज़ैदी ने शुक्रिया अदा किया। संचालन डॉ. शाइस्ता मेहजबीन ने किया। इस मौके उर्दू अख़बार हमारी ताक़त के संपादक मेहमूद ख़ान,पूर्व अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी मक़सूद ख़ान, शमीम ख़ान, समाजसेविका जूही ऐजाज़, शीबा व रहमान ख़ान सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।