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गुरुदेव राजेन्द्रसुरीश्वरजी का 195 जन्मदिवस एवं 115 वां स्वर्गरोहण दिवस बडे ही उत्साह के साथ मनाया।

मनावर :- राजेन्द्रसूरी जैन दादावाड़ी धार रोड पर श्वेताबर जैन द्वारा नगर की पावन धरातल पर 9 जनवरी रविवार को गुरुदेव राजेन्द्रसुरीश्वरजी का 195 जन्मदिवस एवं 115 वां स्वर्गरोहण दिवस के अवसर पर समाज द्वारा चौदहवा तीन दिवसीय गुरु सप्तमी महा महोत्सव बडे ही उत्साह के साथ मनाया गया।

मुख्य आयोजन गुरूपद महापूजन व नगर भोज के लाभार्थी परिवार के साथ नगर से दादावाड़ी 3 किलोमीटर पैदल चल समारोह में गुरु भक्त पहुचे। लोहार पट्टी स्थित शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर से प्रात: निकाला गया। चल समारोह में सर्वधर्म समाज के नागरिक शामिल हुऐ। जगह जगह समाजजनों द्वारा गहुली पूजा की गई। आचार्य देव ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी के शिष्य दोनो मुनि वैराग्ययश विजय, गिरर्वाणविजय के सानिध्य में निकाला गया। विशाल वरघोडे में शाही बग्गी पर दादा गुरूदेव की प्रतिमा रथ में लेकर नगर भ्रमण कराया गया।

रथ में प्रतिमा को लेकर बेठने का लाभ ललित संचेती एडीपीपीओ पदमा संचेती परिवार ने लिया। बैंड-बाजों डोल की धुन पर रास्तेभर युवा जय जय गुरूदेव के जयकार करते चल रहे थे। समाज की बालिकाएँ सीर पर कलश लेकर चल रही थी। मनावर के सीनियर बैण्ड द्वारा गुरु भजनो से चल समारोह की शोभा बढ़ाई। जयस राष्ट्रीय सरंक्षक व मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा, पूर्व मंत्री रंजना बघेल, नगर भाजपा अध्यक्ष संचिन पांडे द्वारा गुरूदेव की प्रतिमा दर्शन वंदन कर मुनि से आर्शीवाद लिया।

चल समारोह का समापन दादावाड़ी पहुंचकर गुरू गुणानुवाद सभा में परिवर्तित हो गया। नमोकार महामंत्री के साथ गुरु गुणानुवाद सभा को संभोधित करते हुऐ मूनि वैराग्ययश विजय ने कहा कि गुरू का मन गंगा जल जेसा पावन होता है गुरु जीवन को तारने वाले होते है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मनावर मिनी मोहनखेड़ा तीर्थ बन रहा है। मुनिश्री द्वारा दादा गुरुदेव के जीवन पर प्रकाश डाला। धर्मसभा में उपस्थित समाजजनों को मुनि द्वारा सप्तमी पर मांगलिक श्रमण कराई गई। दादावाडी ट्रस्ट के अध्यक्ष समाजरत्न रमेशचंद खटोड़ द्वारा अतिथी स्वागत भाषण दिया तथा गुरू की समाज पर महिमा केसी रही बताई गई। नगर भोज के लाभ लेने वाले ललित संचेती, पदमा संचेती ने अपने गुरु की महिमा के प्रति भाव रखे।

लाभार्थी परिवार को ओर से स्वागत गीत राखी सिरिया द्वारा गाया गया। दादा गुरूदेव की सुबह आरती उतारने का लाभ पूना निवासी महामंत्री पूनमचंद्र मूथा व वासक्षेप पूजा का लाभ पूना जैन श्रीसंघ ने लिया। दादावाड़ी ट्रस्ट और श्वेतांबर जैन संकल श्रीसंघ के सदस्यों द्वारा गुरूपद महापूजन के लाभार्थी ललित संचेती एडीपीपीओ पदमा संचेती परिवार का अभिनंदन पत्र देकर शाल-श्रीफल से ट्रस्ट मंडल द्वारा बहुमान किया। अभिनंदन पत्र का वाचन व सभा का संचालन आकेश नवलखा ने किया। इस आयोजन में आंध्रप्रदेश, मदुराई, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश के इन्दौर, रतलाम, राजगढ़, धार आदि जगह से भक्त दर्शन करने पहुचे।

पूना से लाये गुरु भक्त जो सोने के जेवरात से लदे सुरेशकुमार संघवी आर्कषण का केन्द्र रहे जिनके द्वारा भजन की शानदार प्रस्तुति दी गई। संचेती परिवार द्वारा गुरु के जीवन पर आधारित लेख की प्रर्दशनी लगाई गई। इस अवसर  ट्रस्ट मंडल के सुमित खटोड़, सचिन भंडारी, समीरमल जैन, पारसमल नवलखा, सुदर्शन फूलेरा, संतोष काकरेचा, मनोहर ओरा समाज के प्रवीण खटोड़, सुबहु जैन सहीत समाजजन मोजूद थे।

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