चर्चित बलिया खाद्यान्न 45 लाख घोटाले के दूसरा आरोपी कोटेदार को ईओडब्लू की टीम ने किया गिरफ्तार
वाराणसी। चर्चित बलिया 45 लाख रुपये के खाद्यान्न घोटाला करने के मामले में आरोपित कोटेदार गिरफ्तार। काम के बदले अनाज वाली योजना में मजदूरों को खाद्यान्न देने के बजाय कालाबाजार में बेच दिया गया था। पियरी ब्लॉक के विभिन्न गांवों में इस योजना से मिट्टी, नाली निर्माण, खड़ंजा, पटरी मरम्मत, सम्पर्क मार्ग, सीसी और पुलिया निर्माण का कार्य होना था। योजना के तहत ग्रामीण परिवारों, अति निर्धन और गरीब बाल श्रमिकों के माता-पिता को रोजगार देकर खाद्यान्न और नगद धनराशि का भुगतान किए जाने थे। जिम्मेदार अधिकारियों ने कोटेदारों से मिलकर पेमेंट ऑर्डर, मास्टर रोल और खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूट रचना कर मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाए थे। मास्टर रोल में मजदूरों के फर्जी नाम और पता भी लिखे गए थे।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी के पुलिस अधीक्षक डी प्रदीप कुमार के मार्ग दर्शन में टीम का गठन किया गया तथा अभियुक्त की तलाश करायी गयी। लम्बे समय तक दबिशो के बाद आखिर में निरीक्षक कृष्ण मुरारी मिश्र की टीम के द्वारा तत्कालीन कोटेदार अभियुक्त ल्लन गिरी निवासी ग्राम वीरपुर उर्फ चकरा कोल्हुआ, थाना पकड़ी जनपद बलिया को शनिवार दोपहर में कचहरी चौराहा, जनपद वाराणसी से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी में निरीक्षक कृष्ण मुरारी मिश्र, मुख्य आरक्षी शशिकांत सिंह एवं आरक्षी सरफराज अंसारी शामिल है।
गिरफ्तार अभियुक्त के द्वारा सहअभियुत्तो से मिलकर विकास कार्यों में मानकों का उल्लंघन कर लगभग 14.50 लाख रु का खाद्यान्न और 15.80 लाख रु का नगद भुगतान केवल कागज में फर्जी तरीके से दिखा कर गबन करने का कृत्य किया गया है। आरोपी के विरुद्ध थाना नागरा, बलिया में वर्ष 2006 में धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 B, 34 भादवि एवं धारा 13 (2) भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत है। मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी की टीम गिरफ्तार आरोपित को लेकर बनारस एंटी करप्शन कोर्ट में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है। जांच एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में काफी आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं।