तथाकथित वकील द्वारा महिला के साथ अभद्रता और धमकी देने के मामले में अभी तक नही कोई हुई कार्यवाही
पीड़ित महिला ने न्याय के लिए मुख्यमंत्री से लेकर डीएम और पुलिस आयुक्त तक लगाई गुहार
डेढ़ महीने से ज्यादा का समय गुज़र जाने के बाद भी पीड़िता को नही मिला न्याय
एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा की बात करती हैं, वही दूसरी तरफ एक गरीब महिला न्याय के आस में भटक रही हैं
सतीश कुमार नन्दा
वाराणसी। एक तरफ सरकार जहां महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, महिला सम्मान की बात करती हैं। महिलाओं के लिए लिए हेल्प डेस्क और महिला हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र में रहने वाली रीता देवी को इंसाफ के लिए महीनों से भटकना पड़ रहा है। पीड़ित महिला को कॉलोनाइजर तथाकथित वकील द्वारा दीवानी कचहरी में माँ बहन की भद्दी-भद्दी गाली देने व फ़र्ज़ी मुकदमे मे फसा देने व जबरन कमिश्नरी न्यायालय मे चल रहे विचाराधीन मुकदमा वाले ज़मीन पर अपना जबरन कब्ज़े की धमकी के संबंध में जिसको लेकर महिला ने इंसाफ की गुहार लगाने के लिए, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, सेंट्रल बार एसोसिएशन बनारस कलेक्ट्रेट परिसर, समेत तमाम जगहों पर इंसाफ के लिए महिला रजिस्ट्री द्वारा प्रार्थना पत्र दे चुकी हैं लेकिन अभी तक उसपर कोई कार्यवाही नही हुई हैं।
पूरा मामला सारनाथ थाना क्षेत्र के बरईपुर की रहने वाली रीता देवी पत्नी सतीश की है। पीड़िता रीता देवी ने बताया कि ससुर की पुस्तैनी मकान नंबर साo14/13 मोहल्ला बरईपुर, सारनाथ, जिसके बावत विपक्षी सुंदर देवी पत्नी स्वर्गी श्रीपत ने एक बटवारे का मुकदमा दीवानी न्यायालय मे दाखिल किया है। जो न्यायालय सिविल जज (जू०डि०) वाराणसी मे विचाराधीन हैं। जिसके बावजूद विपक्षी राजेश राजभर पुत्र स्वo श्रीराम द्वारा जबरन नये मकान का निर्माण किया जा रहा है, विपक्षी सुंदर देवी के तथाकथित वकील मनोज त्रिपाठी पुत्र श्रीरी त्रिपाठी निवासी ग्राम खजुही, थाना सारनाथ, रजिस्ट्रेशन नंबर- 1657 वर्ष 2004, COP नंबर- 033818, ने हमें को दिनांक 03/08/21 को कलेक्ट्रेट कचहरी मे आकर जबरदस्ती बटवारा नोटिरिअल कराना चाहते थे। विपक्षी के तथाकथित वकील मनोज त्रिपाठी जो कि वकालत की आड़ मे जमीन की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। अभियुक्त ने जबरदस्ती मकान के बावत सुलहनामा हमसे और मेरे पति से कराना चाहते थे। पीड़ित रीता देवी ने कहा कि जब विवादित मकान के सभी पक्षकार रहेंगे तभी हम सुलहनामा करेंगें। इतने मे विपक्षी तथाकथित वकील मनोज त्रिपाठी ने कहा कि जो पक्षकार नहीं आये हैं वो स्वयं उनका हस्ताक्षर/गवाही कर देंगा। इतने में प्रार्थीनी और प्रार्थिनी के पति ने कहा कि आप कैसे गवाही कर सकते हैं, अगर नगर निगम के अधिकारी नहीं मानेंगे,
इतने मे ही विपक्षी के वकील ने मुझे माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए कहा कि जैसा बोल रहा हूं करो नही तो अभी हम तुम्हे कचहरी के वकीलों से जान से मरवा देंगे। तब मेरे साथ आये प्रेम, वीरेंद्र, सतीश ने बीच बचाव किया। तब तथाकथित दबंग वकील मनोज त्रिपाठी ने हम प्रार्थी व प्रार्थीनी के परिवार को जान से मारने की धमकी दी और कहा कि हम तुम्हे फर्जी मुकदमे मे फसा देंगे और जेल भेजवा देंगे और कमिश्नरी मे चल रहे विचाराधीन मुकदमे वाले जमीन पर अपना जबरन कब्ज़ा करने का हवाला दिया, जो कि मेरे विपक्षी सुंदर देवी पत्नी स्व श्रीपत ने मनोज त्रिपाठी को 2 विस्वा जमीन बिना किसी कानूनी कार्यवाही किये बेच दिया है। उसी जमीन पर कब्जे की खुली धमकी देते हुए कब्ज़ा करने की चेतावनी दी है।
इससे पीड़िता रीता देवी का परिवार काफी भयभीत है, और पीड़ित महिला ने कहा, भविष्य में कभी भी मेरे परिवार के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी पूरी जिमेदारी विपक्षी के तथाकथित वकील मनोज त्रिपाठी व विपक्षी एवं शासन व प्रशासन की होगी।
पीड़िता रीता देवी ने मुख्यमंत्री के साथ जिले प्रशासनिक अधिकारी से प्रार्थना की है उपरोक्त परिस्थिति के आधार अभियुक्त के खिलाफ कार्यवाही की जाए नही तो मैं ना चाहते हुए भी आत्मदाह कर लुंगी। मुख्यमंत्री जी मेरे परिवार के लोगो की जान-माल की सुरक्षा करें, और अभियुक्त की बार काउंसिल मे दर्ज रजि० नंबर० 1657 वर्ष 2004 सिओपी नंबर- 033818 समाप्त किया जाए, तथाकथित दबंग वकील के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए ताकि एक गरीब महिला के साथ न्याय हो सके।