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नई दिल्ली : चार संस्थाओं के विद्यार्थियों ने अपना पूरा दिन शांति सहयोग वृद्ध आश्रम में गुजारा, बच्चों बुजुर्गों की सेवा की, उपहार भेंट किए।

नई दिल्ली :- (मोमना बेगम)  राजधानी के संगम विहार में बाल दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा शांति सहयोग वृद्ध आश्रम का दौरा किया गया। उन्होंने पूरे दिन वृद्ध आश्रम के बच्चों तथा बुजुर्गों के साथ अपना कीमती समय गुजारा। ओर बताया बल दिवस वह त्यौहार जो बच्चों के लिए दुनिया में खुशी और खुशी लाता है। नई दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के चार अलग-अलग संस्थाओं (सेंटर फॉर ग्रीन इनीशिएटिवस, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी, रोटरेक्ट, एनएसएस) के हम 11 छात्रों के एक समूह ने शांति सहयोग वृद्ध आश्रम में रहने वाले वृद्ध लोगों के साथ अपना दिन बिताया। जिसमे दीपांशु गोयल, अंकित कुमार, जोएल, राशि, अंजली, प्रगति, दीपिका दीक्षित, पूर्णिमा, संध्या, शिवम, वंशिका, आयुषी कुमारी शामिल है।

उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम हमने वृद्ध आश्रम के सदस्यों से परिचित किया, उन्हें अपनी जानकारी दी उन्हें अपने बारे में बताया कि हम उनके साथ कैसे दिन गुजारने जा रहे हैं। औपचारिकताओं के साथ हमने अपने आप को तीन समूह में विभाजित कर के दिन की शुरुआत की, एक सभी के लिए चाय बनाने के लिए जिम्मेदारी, एक बुजुर्गों के साथ बात करने के लिए और दूसरों में बच्चों के साथ बातचीत करने के लिए जो वहां पढ़ने के लिए आए थे।

वहां के बच्चों की मदद से हमने साउंड स्पीकर चालू किए और कुछ बॉलीवुड क्लासिकल खेले जो सभी को रोमांचित कर गए। सबसे बड़े भाई ने सबसे पहले कार्यवाहक श्री घनश्याम जी के साथ नृत्य किया। बड़ों से लेकर मौजूदा बच्चों तक एक-एक करके सभी ने दिखाया कि उनके पास क्या योग्यता है और अपने भीतर के बच्चों को बाहर निकाल कर दिखाया।

वहा निवासियों ने ऊर्जा से भर दिया क्योंकि उन्होंने हमारे साथ ली को हिलाया और सदाबहार गीतों की धुन पर गुनगुनाया, यह देखने के लिए वास्तव में एक जबरदस्त नजारा था। एक अलग तरह की संतुष्टि पूरी तरह से उनकी हर्षित, हंसी उनकी मुस्कान और शांत हसी को सुनने के लिए तो इस विपरीत जब हमने उन्हें पहली बार देखा था यात्रा का मूल उद्देश्य प्राप्त किया गया।

इसके बाद हमने वहां 2 पौधे लगाए एक तुलसी का जिसके स्वर्ग और पृथ्वी के बीच एक देहलीज बिंदु माना जाता है और दूसरा छोटे सूरजमुखी का जिसमें दीर्घायु और लंबे जीवन का विचार शामिल है। विद्यार्थियों ने वृद्ध आश्रम में रहने वालों के लिए कई उपहार खरीदें, जिसमें कुछ साड़ी बच्चों के लिए कपड़े, चाय व नाश्ते के कुछ राशन सामग्री चाय पाउडर, दो बड़े आकार के गर्म कंबल और सैनिटाइजर और हाथ धोने के आदि सामान शामिल थे।

पूरा दिन वृद्ध आश्रम में बेसहारा बुजुर्ग व बच्चों के साथ बिताने के बाद विद्यार्थियों ने उन यादों को तस्वीरों में समेटकर विदाई ली, उन्होंने बताया इस यात्रा ने गहरा प्रभाव छोड़ा, हमारी चेतना पर और हम पर गहरा प्रभाव यह दौरा एक यादगार समय था। हम में से हर एक ने अपने माता-पिता और बड़ों के साथ मोटे छोटे हर लम्हे में साथ होने के लिए संकल्प लिया। वृद्ध आश्रम के निवासियों ने हम सभी को अपने दिल और अटूट आशाओं से प्रेरित किया।

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