निलगिरी कंपनी के एमडी समेत दो आरोपियों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर देनें का आदेश
वाराणसी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (भारतेन्द्र सिंह) की अदालत ने सोने-चांदी के कारोबार के नाम पर व अपनी रियल एस्टेट कंपनी निलगिगी सहित अन्य उपकरणों के नाम पर निवेश करने के लिए करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में कंपनी के एमडी विकास सिंह व प्रदीप यादव को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर देनें का आदेश दिया। रिमांड की अवधि शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी। अदालत में चेतगंज थाने में दर्ज। अदाल में चार मामलों में दर्ज धोखाधड़ी के मामले विवेक की ओर से दिये गये आवेदन में कहा गया कि दोनों आरोपी जनता की चल अचल संपत्ति का स्तेमाल करने के लिए झारखंड, बिहार, गुजरात में अपने गाड़ियों व दस्तावेज को छिपाये हुए हैं तथा निवेश करने के नाम पर सोने-चांदी के कारोबार एवं अपनी निलगिगी कंपनी में निवेश करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करते हुए अकुत संपत्ति बनाये हैं। जिसमे संबंधित दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की राज्यों के शहरों रांची गिरी डी, पटना, गया, अहमदाबाद आदि जगहों पर छिपाया गया। आरोपी गण 20 अगस्त से जिला कारागार में निरुद्ध है। ऐसे में आरोपियों के निशानदेही पर दस्तावेज बरामदगी के लिए एक सप्ताह के लिए पुलिस कस्टडी का डिमांड किया गया। अदालत ने इन महत्वपूर्ण साक्षो की बराबरी के लिए दोनो पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर देनें का आदेश दिया।