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फर्ज़ी ऑनलाइन आरटीओ टैक्स गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार, पूर्व में छः साथियों को पुलिस भेज चुकी है जेल।

 

आगरा।  साइबर क्राइम थाना आगरा परिक्षेत्र ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर फर्जी टैक्स रसीद देकर वाहन चालकों से धोखाधड़ी करने वाले गैंग के दो और सदस्यों को वृंदावन में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।

उनके छह साथी पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गैंग करोड़ों की ठगी कर चुका है। उनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था।

रेंज साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार पांडेय के मुताबिक, आवास विकास कॉलोनी निवासी पुनीत पाराशर के साथ दस जुलाई को आनलाइन रोड टैक्स की फर्जी रसीद देकर ठगी कर ली गई थी। इस पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में पुलिस ने दबिश देकर पलवल निवासी राहुल और नोएडा निवासी प्रवीन को गिरफ्तार किया है।

गैंग में 50 से अधिक सदस्य, सबके अलग काम।

पकड़े गए गैंग के सदस्य राहुल और प्रवीन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि गैंग का सरगना बल्लो उर्फ बलवीर है। गैंग में 50 से अधिक सदस्य हैं। इनमें सॉफ्टवेयर डेवलपर से लेकर बूथ चलाने वाले तक शामिल हैं।

सदस्यों ने परिवहन विभाग के नाम से मिलती जुलती कई वेबसाइट बना रखी हैं। इनके यूजर भी तैयार किए जाते हैं। इन्हें विभिन्न राज्यों के सदस्यों को बांट दिया जाता है। राज्यों की सीमा पर आरटीओ टैक्स कलेक्शन के नाम से बूथ लगाए जाते हैं।

मोबाइल पर वेबसाइट से आता है मैसेज।

वेबसाइट के माध्यम से टैक्स जमा होने की फर्जी रसीद तैयार की जाती है। यह बिल्कुल राज्य के परिवहन विभाग की तरह होती है। इसके बाद वेबसाइट से ही एक मैसेज आवेदक के मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाता है, जिससे उसे विश्वास हो जाता है कि टैक्स जमा हो गया।

उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार सहित अन्य राज्यों में बूथ चल रहे हैं। रसीद पर विभाग की मुहर भी लगाई जाती है। इस तरह से गैंग करोड़ों रुपये कमा चुका है।

ये हुई बरामदगी।

पुलिस ने आरोपियों से एक लैपटॉप, दो एप्पल आईफोन, एक अन्य मोबाइल, कार, नौ क्रेडिट और डेबिट कार्ड, छह सिम, दो आधार कार्ड, पांच फर्जी वेबसाइट और दस्तावेज बरामद किए

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