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बाग प्रिंट के युवा शिल्पियों को मिला राज्य-स्तरीय विश्वकर्मा सम्मान

शिल्पकार मोहम्मद काज़ीम को प्रथम एवं अब्दुल करीम खत्री को प्रोत्साहन पुरस्कार

धार। मप्र – संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम‌ द्वारा प्रदेश के शिल्पियों को कल भोपाल में राज्य स्तरीय विश्वकर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम हैण्डलूम एक्स-पो भोपाल हाट बाजार में आयोजित हुआ । आयुक्त हाथकरघा एवं रेशम  श्रीमति सुरभि गुप्ता एवं संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम‌ की प्रबंध संचालक श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने बाग के प्रसिद्ध युवा हस्तशिल्प मोहम्मद काज़ीम खत्री को प्रथम एवं अब्दुल करीम खत्री को प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित करते हुवे उनके हस्तशिल कला की प्रशंसा की यह सम्मान वर्ष 2020-21  के लिए दिया गया।

आयुक्त श्रीमती सुरभि गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्प की कला का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किए जाते है। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता मोहम्मद काज़ीम खत्री को एक लाख रूपये एवं प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता अब्दुल करीम खत्री को पन्द्रह हज़ार की राशि, शॉल और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया ।

प्रबंध संचालक हस्त शिल्प विकास निगम श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने एक्स-पो के आयोजन और राज्य सरकार की बुनकर तथा शिल्पियों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदम से अवगत कराया।

आगरा तथा दिल्ली के किले और प्राचीन गुफाओं, ईमारतों के डिजाईन के लिए मिला पुरस्कार-

      शिल्पी काजिम खत्री ने प्रथम विश्वकर्मा राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिये बाग प्रिंट ठप्पा छपाई में प्राकृतिक रंगो के साथ नायाब बाँस कि चटाई प्रस्तुत की थी। बाँस कि चटाई में चारो ओर तीकोन खाने थे, एंव चटाई के बीच लहरिया डिजाईन बनाया था। तीकोन खाने एंव लहरिया मे पृथक – पृथक डिजाईनो को डाला गया था। बाँस कि चटाई में बहुत ही महीन और 1000 वर्ष पुराने परम्परागत डिजाइनों और बाग की प्राचीन गुफाओ एवं मांडु कि प्राचीन इमारतो के डिजाइनो के साथ-साथ आगरा एवं दिल्ली के लाल किले के डिजाइन भी बाँस कि चटाई में इस्तेमाल किये गये थे।

शिल्पी काजिम को पूर्व में भी मिले है अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार-

      हस्तशिल्प कला में ठप्पा छपाई के नये अयाम देने वाले बाग प्रिंटर्स काजिम खत्री को इसके पूर्व यूनेस्को एंव वल्ड क्राफ्ट्स काउन्सल का अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस फॉर हैंडीक्राफ्ट्स वर्ष 2018 के सम्मान से तथा 9 अगस्त 2018 को मुम्बई मे रोशन कलापेशी अवार्ड से सम्माति किया गया। इसी प्रकार काज़ीम खत्री ताइवान हुआलियान आर्ट फेस्टीवल वर्ष 2015, रूस तथा मलेशिया के कुआलालम्पुर अंतराष्ट्रीय क्राफ्ट फेस्टिवल 2015, अंतराष्ट्रीय इनोवेटिव क्राफ्ट फेस्टिवल थाईलेंड 2017 मे अपने कलात्मक उत्पादों का प्रदर्शन कर मध्यप्रदेश एवं समुचे देश का नाम अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया। साथ ही मोहम्मद काजिम खत्री धार जिले के छोटे से कस्बे बाग मे अपनी रंगाई छपाई कार्यशाला मे प्रतिदिन नये प्रयोग करने मे लगे रहते हैं।

अब्दुल करीम खत्री ने चादर में चोकोर खाने में बहुत ही महीन काम किया था एवं डिज़ाइन डायरेक्टरी बना दी, अब्दुल करीम ने देश मे बहुत प्रदर्शनियों में भाग लेकर इस हस्तकला को सजोये रखा है।

बाग प्रिंट कला के जनक शिल्पगुरू स्व. श्री इस्माईल खत्री की कला को रख रहे है जीवित-

उल्लेखनीय है कि मोहम्मद काजिम खत्री को अपनी कला में निरन्तर नया एवं शोध करने की प्रेरणा उनके पिता राष्ट्रीय तथा अर्न्तराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिल्प गुरू मोहम्मद युसूफ खत्री से मिलती रही। काजिम का कहना हे कि परम्परागत बाग प्रिंट कला के जनक शिल्प गुरू स्वर्गीय श्री इसमाईल सुलेमानजी खत्री  तथा श्रीमती जैतुन बी के प्रयासों से यह कला आज जीवित है। काजिम खत्री के द्वारा 60 से अधिक प्रशिक्षणार्थियो को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वर्तमान में भी अपनी कार्यशाला पर प्रतिदिन नई प्रतिभाओं के साथ निरन्तर बाग हाथ ठप्पा छपाई कार्यो में लगे रहते है।

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