राष्ट्रीय लोक अदालत में 4706 वादों का हुआ निस्तारण
गाजीपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में शनिवार को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया हैं। इसका शुभारंभ अवसर पर जनपद न्यायाधीश प्रशांत मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विभिन्न मामलों के कुल 15976 आवेदन प्राप्त हुए। सुलह-समझौता एवं संस्वीकृति के आधार पर 4706 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किए। राजस्व विभाग आदि के 1799 मामले एवं विभिन्न न्यायालयों द्वारा 2337 मामले निस्तारित किए गए। मोटर दुर्घटना प्रकरण में प्रतिकर तथा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र व अन्य मामलों में कुल धनराशि मु.-6908515 के संबंध में न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया। जनपद के टेलीफोन, बीमा कम्पनी व विभिन्न बैंक के बकाया ऋण सम्बंधी प्री-लीटीगेशन के कुल-570 वाद मामले निस्तारित किए गए, जिसके द्वारा धनराशि मु.- 4056513 रूपए के बकाया बिल एवं ऋण वसूली की कार्यवाही पूर्ण हुई। इस मौके पर जनपद न्यायाधीश प्रशांत मिश्र ने कहा कि लोक अदालत में न केवल मुकदमों का निस्तारण किया जाता है, बल्कि समाज के लोगों के मध्य परस्पर वैमनस्यता भी समाप्त हो जाती हैं। नोडल अधिकारी लोक अदालत विष्णुचंद वैश्य एवं कामायनी दुबे, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण के लिए नियत वादों की विस्तृत रूप-रेखा प्रस्तुत की गई। उनके द्वारा जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार-प्रसार के लिए किए गए प्रयासों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गई। जनपद न्यायाधीश प्रशांत मिश्र द्वारा लोक अदालत की सफलतापूर्वक समाप्ति पर नोडल अधिकारी, लोक अदालत एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रशंसा की गई। समस्त न्यायिक अधिकारीगण, वादकारीगण, अधिवक्तागण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सहयोग देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि 11 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में इसी प्रकार का सहयोग मिलेगा।