संस्कृत है विश्व के कल्याण की भाषा : डा ज्योति वर्मा
इटावा। संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है, यह व्यापार की नहीं, संपूर्ण विश्व के कल्याण की भाषा है, यह त्याग और प्यार की भाषा है। इसलिए संस्कृत पढ़ना बहुत जरूरी है। संस्कृत भाषा से संस्कृति जुड़ी है, इससे संस्कार, संस्कृति, सभ्यता आती है।
यह बात संस्कृत प्रवक्ता एवं श्री सत्यनारायण समाज सेवा संस्थान की सचिव डा ज्योति वर्मा ने लुहन्ना चौराहा साईं विहार कॉलोनी स्थित विहान बालिका आवासीय विद्यालय में संस्कृत दिवस के पूर्व दिवस के अवसर पर कही, जो श्रावणी पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन मनाया जाता है, उन्होंने कहा कि संस्कृत समस्त भाषाओं की जननी है, इसलिए इसे देव भाषा भी कहा जाता है। संस्कृत से हर भाषा के शब्द निकले हैं, इसलिए यह सामान्य बोलचाल की भाषा है, यह सरल भाषा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था की सचिव डा ज्योति वर्मा, विद्यालय की वार्डन प्रतिमा सिंह व शिक्षिकाओं ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम में छात्रा रितिका ने अयि गिरि नंदनी गीत पर डांस प्रस्तुत किया। अनुज्या, प्रांशी और पूनम ने श्लोक और अन्य छात्राओं ने वंदना और कविता सुनाई। उन्होंने छात्राओं को संस्कृत की महत्वपूर्ण जानकारी दी। साथ ही कहा कि वह कोई भी भाषा पढ़ें, लेकिन लेकिन संस्कृत जरूर पढ़ें। इसमें पूरे नंबर मिलते हैं। उन्होंने संस्कृत की क्लास लगाई। कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली सभी छात्राओं को पुरस्कृत किया।
वार्डन प्रतिमा सिंह ने बताया कि विद्यालय में श्रमिकों की बेटियां पढ़ती हैं, उनकी पढ़ाई से लेकर रहना, खाना फ्री है। शिक्षण सामग्री के अलावा ड्रेस भी सरकार की ओर से प्रदान की जाती है। यहां कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई होती है।कार्यक्रम में शिक्षिका सुमनलता, आकांक्षा पांडेय, नीलम, रमन यादव के अलावा समस्त स्टाफ मौजूद रहा। संचालन सुमनलता ने किया।