सेना भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाले जालसाजों के गिरोह पर चंदौली पुलिस ने कसा शिकंजा, 6 गिरफ्तार
चंदौली। सेना भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाले जालसाजों के गिरोह को पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार को चहनियां-धानापुर मार्ग से पकड़ा। उनके पास दो पिस्टल, कारतूस, भारतीय सेना की फर्जी मुहर, दस्तावेज, चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, आर्मी कैंटीन का स्मार्ट कार्ड, कार, बाइक, कंप्यूटर सेट और नौ मोबाइल सेट बरामद किए गए। जालसाज जनपद के साथ ही आसपास के युवाओं को अपना शिकार बनाते थे। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में गिरफ्तारी व बरामदगी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धानापुर के रायपुर गांव निवासी रविकांत यादव उर्फ मक्खू जालसाजों का सरगना है। सितंबर में जिले के पांच युवा मध्य प्रदेश के जबलपुर सेना छावनी में फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ पकड़े गए थे। उनके खिलाफ वहां के गोरखपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। फिलहाल जेल में हैं। इस मामले में मक्खू का नाम सामने आया था। उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस जालसाजों का पता लगाने का प्रयास कर रही थी। एसपी ने बताया कि मंगलवार को सूचना मिली कि जालसाज कार में सवार होकर चहनियां से धानापुर की ओर जाने वाले हैं। इस पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने चहनियां-धानापुर मार्ग पर घेरेबंदी कर ली गई। थोड़ी देर बाद एक कार पहुंची। उसमें चालक के साथ चार युवा सेना की वर्दी पहनकर बैठे थे। उन्हें रोककर तलाशी ली गई, तो दो देसी पिस्टल बरामद की गई। इसके अलावा पीछे रखे एक फोल्डर में सेना भर्ती के फर्जी दस्तावेज, मुहर, इंक पैड, चेक बुक, पास बुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए। सेना के ओइसी अजय कपूर के हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज मिले हैं। पुलिस की ओर से रोकने पर युवाओं ने खुद को सेना का जवान बताकर प्रभाव जमाने की कोशिश की, लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर सच्चाई उगल दी। उनकी निशानदेही पर अलीनगर से साइबर कैफे संचालकों को गिरफ्तार किया गया, जो फर्जी नियुक्ति पत्र बनाता था। पुलिस ने मक्खू के साथ ही अलीनगर थाना के संघती गांव निवासी रिंकू सिंह, मवईं खुर्द के देवेंद्र श्रीवास्तव, धानापुर के रायपुर के रोहित यादव, गाजीपुर के जमानियां थाना के हरपुर नई बस्ती के विकास सिंह और आजमगढ़ के तरवां थाना के कम्हरियां निवासी दीपक यादव को गिरफ्तार किया है।
खुद को सेना का अधिकारी बताकर जमाते थे प्रभाव
जालसाज मक्खू ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं के यहां साथियों के साथ वर्दी पहनकर जाता था। खुद को सेना का अधिकारी बताकर युवाओं को तैयारी के टिप्स देता था। जब मेल-जोल बढ़ जाती थी तो सेना में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाकर पांच लाख रुपये वसूलता था। अब तक दर्जनों युवाओं को अपना शिकार बना चुका था।
काली कमाई से बनाया मकान
जालसाज ने युवाओं को ठगकर की गई काली कमाई से अपने गांव में दो मंजिला आलीशान मकान और बुलेट बाइक खरीदी थी। कभी-कभार ही गांव जाता था। मक्खू शुरू से ही शातिर था। सेना की लिखित परीक्षा में अपने स्थान पर किसी अन्य को बैठाकर नौकरी पा ली थी। बाद में मामला उजागर होने पर ट्रेनिंग के दौरान ही उसे निकाल दिया गया था।