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स्टेट हाईवे 38 : हर बार वाहन चालक को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं,  मेंटेनेंस की कमी के कारण होने वाली सड़क दुर्घटना की जिम्मेदार टोल कंपनी – शाहनवाज़ शेख

दोनों हाथों से पैसा वसूल रही टोल कंपनी, मेंटेनेंस एक हाथ से भी नहीं ?

जिला बनने की कगार पर है मनावर विधानसभा, इसे देहात ना समझने की कोशिश न करे।

मनावर। मप्र – बिजनेस या व्यापार में अक्सर यह देखा जाता है कि कम पूंजी लगाकर ज्यादा पैसा कमाने का क्रेज चल रहा है, लेकिन यह योजना 100% पूर्ण नहीं होती। वास्तविकता में बेहतर कार्य करने वाला अपनी कमाई का हिस्सा कम रखता है ताकि जिस कार्य को पूरी करने का दायित्व मिला है उसका निर्वहन सही रूप से किया जा सके। लेकिन मनावर खलघाट टोल प्लाजा कम खर्चे में ज्यादा कमाई ढूंढ रहे हैं? मनावर से खलघाट 43 किलोमीटर का स्टेट हाईवे- 38 है। जो मध्य प्रदेश परिवहन को गुजरात, महाराष्ट्र से जोड़ने के लिए मुख्य मार्ग बन चुका है। लेकिन क्या इस मुख्य मार्ग की सड़कों पर चालक परिचालकों व यात्रियों को 100% सुख सुविधा मिल रही है या नहीं? जब हमने ग्राउंड लेवल पर इसका पता लगाना चाहा तो यह देखने को मिला कि टोल प्लाजा कंपनी दोनों हाथों से टोल तो वसूल रही है लेकिन सड़कों पर मिलने वाली सुख सुविधा से यात्रियों को वंचित रखा गया है।

नियम अनुसार मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं।

-इसके अतिरिक्त टोल कंपनी को टोल प्लाजा पर गाइडलाइन के नियम अनुसार चालकों के लिए टोल प्लाजा पर रेस्ट रूम बने होने चाहिए।
– आरओ प्लांट लगा होना चाहिए जिससे वाहन चालकों को ठंडा पानी मिल सके।
– शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए और संकेतक लगे होने चाहिए, जिसमें महिला और पुरुष दोनों की सुविधा का ध्यान रखा गया हो।
– 50 किमी के अंतराल में बड़ी एम्बुलेंस व क्रेन होनी चाहिए, जो आपातकालीन स्थिति में घायल व्यक्ति का उपचार एवं वाहन को क्रेन द्वारा साइड किया जा सके।
– प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए
– टोल सड़क पर पेट्रोलियम करने वाले वाहन भी होना चाहिए।
– टोल प्लाजा पर मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए। यह सुविधाएं क्यों नहीं मिल रही हैं, इसकी जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए।

एक तरफ खाई तो दूजी तरफ कुआं, जाए तो जाए कहां – वाहन चालक

हमने कुछ वाहन चालकों से बात की जो कंटिन्यू स्टेट हाईवे 38 से गुजरते हैं, उन्होंने बताया कि यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है यहां अधिकांश गांव सड़क किनारे ही बसे हुए हैं। मनावर से खलघाट मार्ग का चलन बहुत ही ज्यादा है नगर, क्षेत्र, जिले के यातायात के अलावा बाहरी यातायात भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। आज स्टेट हाईवे 38 से महाराष्ट्र, इंदौर, गुजरात जाने के लिए इसी सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है। देखा जाए तो वक्त के साथ-साथ सड़क पर यातायात भी बढ़ने लगा है। आज स्टेट हाईवे 38 पर मनावर खलघाट टोल प्लाजा कंपनी के नाम से टोल एवं ओवरलोड का चार्ज वसूला जा रहा है। टोल कंपनी को अपनी सड़क न टूटे जिसके लिए ओवरलोड चलने वाले वाहनों के लिए वेट काटा भी लगाया है जिससे टोल प्लाजा की इनकम में बढ़ोतरी हो सके। ओवरलोड गाड़ियों से सड़क टूटती है, जिसके मेंटेनेंस के लिए टोल प्लाजा कंपनी ने एक्स्ट्रा आमदनी का जरिया तो बना लिया लेकिन क्या वह आमदनी सड़क को सुंदरीकरण और सुरक्षित बनाने में खर्च की जाती है या फिर तो मोटी कमाई कर अपनी जेब भरे जा रहे हैं।

बीते दिन सिंघम टाइम समाचार पत्र में प्रकाशित की गई खबर जिसमें साइड शोल्डर का उल्लेख किया गया था, सड़क किनारे दोनों छोर पर 3 से 4 फीट के साइड सोल्डर मुरूम या अन्य मैटेरियल भरकर बनाए जाते हैं, जिससे कि सड़क की चौड़ाई बढ़ जाती है। क्षेत्र में बड़े और भारी वाहनों का आवागमन लगा हुआ है ऐसे में तीव्र गति से चलने वाले वाहन अक्सर छोटे वाहनों को अपनी चपेट में ले लेते हैं अगर साइड शोल्डर मजबूती के साथ भराव किए गए हो तो अधिकांश दुर्घटना को टाला जा सकता है। क्योंकि आपातकालीन स्थिति में छोटे वाहन बड़े ट्रक ट्रेलर की चपेट में ना आते हुए साइड सोल्डर पर अपनी गाड़ी के पहिए उतार देते हैं जिससे कई बार दुर्घटना भी टल जाती है। लेकिन क्षेत्र में टोल वसूला में मग्न कंपनी सड़कों पर उतरकर मेंटेनेंस पर क्यों नहीं ध्यान दे रही यह कहा नहीं जा सकता?

संबंधित विभाग के अधिकारियों पर भी उठ रहे हैं सवाल

सड़क परिवहन संबंधित अधिकारियों को भी इस मुद्दे को गंभीरता से देखते हुए टोल प्लाजा कंपनी को निर्देशित करना चाहिए। जिन यात्रियों से टोल और अधिक भार के नाम से कर वसूला जा रहा है उन्हें पर्याप्त सुख सुविधा भी मिलनी चाहिए। अगर टोल कंपनी नियमानुसार सड़क का रखरखाव और सुविधा नहीं दे पा रही है तो संबंधित अधिकारियों ने उचित दंडात्मक कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से ठेका निरस्त करने की कार्यवाही करना चाहिए और एक सिस्टमैटिक कंपनी जोकि सड़क मरम्मत एवं यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखें उसे टोल प्लाजा की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

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