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वाराणसी में रोप-वे का रूट बदला, इन 6 जगहों पर बनेगा स्टेशन

वाराणसी। रोप-वे का रूट बदल गया है। यह जहां पहले कैंट से सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरजाघर तक रोप-वे रूट पर काम हो रहा था। अब कैंट से मलदहिया, लहुराबीर, बेनिया, नई सड़क होते हुए गिरजाघर तक जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में गिरजाघर से लंका तक रोप-वे बनेगा। शासन को भेजे जाने वाले फाइनल ड्राफ्ट को तैयार करने से पहले मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर फीडबैक लिया गया। इसमें अब कैंट से गिरजाघर के बीच पहले प्रस्तावित चार स्टेशन की संख्या बढ़कर छह हो सकती है। जनप्रतिनिधियों के सुझाव को डीपीआर में शामिल किया जा रहा है।हालांकि, बनारस शहर की सघनता को देखते हुए इस रूट पर भी रोप-वे को आकार देना चुनौती से कम नहीं होगा।  रोप-वे के स्काई रूट पर भी मंथन हो रहा है। कंपनी ने घरों के ऊपर से रोप-वे रूट बनाने का प्रस्ताव रखा। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने उसके तकनीकी पहलू की जानकारी मांगी तो कंपनी ने बिंदुवार बातें रखीं। स्पष्ट किया कि रोप-वे के रूट पर आने वाले घरों की ऊंचाई को मापना होगा। सबसे अधिक ऊंचे घर को आधार बनाया जाएगा जिसके सापेक्ष सात मीटर ऊंचाई पर रोप-वे रूट बनाया जा सकता है। इसके लिए संबंधित भवन स्वामियों से अनापत्ति लेनी होगी। कमिश्नर ने इसे बेहद जटिल व जोखिम भरा करार दिया। हालांकि, सुझाव को सिरे से खारिज करने की बजाए और गहराई से मंथन करने का निर्णय लिया गया।   परियोजना पर 424 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।इससे पांच किलोमीटर लंबा रोप-वे का रूट तैयार किया जाएगा। पहला चरण परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट होगा।पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर पूरी होने वाली इस परियोजना में वैबिलिटी गैप फंडिंग का भी आंकलन किया गया है। बैठक में जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा, नगर आयुक्त प्रणय सिंह, वीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहन आदि अफसर मौजूद थे।   वीडीए वीसी ईशा दुहन ने बताया कि बुधवार तक फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा और इसे शासन को भेजा जाएगा। गोदौलिया चौराहे पर रहने वाली भीड़ और जगह के अभाव कारण रोपवे को 200 मीटर पहले गिरजाघर चौराहे पर समाप्त किया जाएगा। यहां स्टेशन बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। आपको बताते चले कि रोप-वे का रूट बदल गया है। यह जहां पहले कैंट से सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरजाघर तक रोप-वे रूट पर काम हो रहा था। अब कैंट से मलदहिया, लहुराबीर, बेनिया, नई सड़क होते हुए गिरजाघर तक जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में गिरजाघर से लंका तक रोप-वे बनेगा। शासन को भेजे जाने वाले फाइनल ड्राफ्ट को तैयार करने से पहले मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर फीडबैक लिया गया। इसमें अब कैंट से गिरजाघर के बीच पहले प्रस्तावित चार स्टेशन की संख्या बढ़कर छह हो सकती है। जनप्रतिनिधियों के सुझाव को डीपीआर में शामिल किया जा रहा है।हालांकि, बनारस शहर की सघनता को देखते हुए इस रूट पर भी रोप-वे को आकार देना चुनौती से कम नहीं होगा।

रोप-वे के स्काई रूट पर भी मंथन हो रहा है। कंपनी ने घरों के ऊपर से रोप-वे रूट बनाने का प्रस्ताव रखा। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने उसके तकनीकी पहलू की जानकारी मांगी तो कंपनी ने बिंदुवार बातें रखीं। स्पष्ट किया कि रोप-वे के रूट पर आने वाले घरों की ऊंचाई को मापना होगा। सबसे अधिक ऊंचे घर को आधार बनाया जाएगा जिसके सापेक्ष सात मीटर ऊंचाई पर रोप-वे रूट बनाया जा सकता है। इसके लिए संबंधित भवन स्वामियों से अनापत्ति लेनी होगी। कमिश्नर ने इसे बेहद जटिल व जोखिम भरा करार दिया। हालांकि, सुझाव को सिरे से खारिज करने की बजाए और गहराई से मंथन करने का निर्णय लिया गया।

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