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पेसा कानून के विरोध में गैर आदिवासी समाज ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

 

मनावर:- (सिंघम रिपोर्टर) धार जिले में पिछड़ा वर्ग, सामान्य सवर्ण वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाती आदि सभी धर्मों एवं सभी समाज के लोग निवासरत है। ऐसे में सिर्फ एक समाज के व्यक्तियों के लिए पेसा कानून को लागू किया जाना अन्य वर्गो के लिए असमानता का भाव पैदा करता है। इसीलिए पेसा कानून से संबंधित सभी कार्रवाई को तत्काल रोकने के लिए तथा शासन को इस संबंध में निर्देश देने के लिए गैर आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने मंगलवार को राज्यपाल के नाम का एक ज्ञापन एसडीएम राहुल चौहान को सौंपा।

        ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि मप्र शासन द्वारा प्रदेश के 20 जिलों में  5221 ग्राम पंचायतों में पेसा कानून लागू करने के लिए एक कमेटी का गठन कर तथा मोबाइल लाइजर की नियुक्ति भी जा रही है। जिससे इन क्षेत्रों में निवासरत गैर आदिवासी समुदाय के संविधान प्रदत्त अधिकारों का खुला उल्लंघन और हनन हो रहा है। जबकि इन क्षेत्रों में पूर्व से ही अनुसूचित जनजाति को संविधान के द्वारा विशेष अधिकार दिए गए है, जिसका लाभ इन लोगों को लगातार मिल रहा है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में पेसा कानून लगाना अन्य वर्गो को क्षति पहुंचाने के समान है। इसलिए ज्ञापन देने वाले गैर आदिवासी समाज के लोगों ने पेसा कानून का पूरजोर विरोध करते हुए इस कानून को लागू न करने का राज्यपाल से अनुरोध किया है।

        ज्ञापन का वाचन बड़वानी के सामाजिक कार्यकर्ता शेखर चैहान ने किया। इस अवसर पर मोहन भायल, रामेष्वर पाटीदार एडवोकेट, कैलाश मुकाती, नारायण सोनी, सचिन पांडे,, नारायण सोनी, दिनेश पाटीदार एडवोकेट, लक्ष्मण काग, ओमप्रकाश सोनी, राजा जौहरी, राजेश सचदेव, आकेश नवलखा, पन्नालाल पाटीदार, जगदीश जमादरी, गोपाल जिराती, गोपाल पाटीदार, गोविंद परिहार, लक्ष्मण काग, दिलीप हाम्मड़, राजू देवड़ा बालीपुर, मोतीलाल पंवार, मुकेश श्रीधर, बाबूलाल राठौर,  संदीप सेप्टा आदि उपस्थित थे।

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