मध्य प्रदेश : नव वर्ष के आनंद को दोगुना करने मध्य प्रदेश पर्यटन और ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट लेकर आ रहे है मांडू महोत्सव 2021-22
महोत्स्व आयोजन की तिथि 30 दिसंबर, 2021 से 03 जनवरी, 2022
महोत्स्व के बाद भी जारी रहेगा पर्यटन संवर्धन कार्यक्रम
मांडू :- (शाहनवाज शेख) ऐतिहासिक शहर मांडू – 30 दिसंबर, 2021 से 03 जनवरी, 2022 तक चलने वाले मांडू महोत्सव मे मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा सभी अतिथियों के स्वागत व कोरोना के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारियां जोर शोर से जारी है । इस पांच दिवसीय भव्य ऐतिहासिक महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश सरकार और ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है।
महोत्स्व का उद्धघाटन 30 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश पर्यटन मंत्री सुश्री ऊषा बाबूसिंहजी ठाकुर द्वारा किया जायेगा तथा विशेष अतिथि के रूप में श्री राज्यवर्धन सिंहजी को आमंत्रित किया गया है।
संवाददाता सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं प्रबंध निदेशक श्री शिव शेखर शुक्लाजी ने आगामी मांडू महोत्सव महोत्स्व कि तिथियों का अवलोकन किया था।
ऐतिहासिक शहर मांडू अपनी विरासत, संस्कृति, वास्तुकला और जीवाश्म विज्ञान के इतिहास के लिए प्रसीद्ध है | आगामी मांडू महोत्सव का मुख्य आकर्षण इसके ऐतिहासिक गलियारों की सैर, साइकिल यात्राएं, पारंपरिक लोक कलाएं, फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं, एकखंबा महल में योग अभ्यास , पाक कला, शिल्पकला व कला , नृत्य व संगीत के रंगारंग कार्यक्रम आदि होंगे । आगामी महोत्स्व में हॉट-एअर-बलून द्वारा शहर के किलों और खंडहरों के कई फीट ऊंचाई से दर्शन, एक आकर्षण की भांति उभर कर आएगा तथा मध्य प्रदेश पर्यटन निश्चित ही एक शानदार अनुभव प्राप्त करने की संधि प्रदान करेगा, वही रेवाकुंड में शाम को माँ नर्मदा की आरती भी महोत्सव में।
चार चांद लगा देगी।
मध्य प्रदेश पर्यटन तथा ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट ने आमंत्रित सभी पर्यटकों के लिए सुबह से रात तक भव्य कार्यक्रम कि रूपरेखा तैयार की है जो निःसंदेह अति उत्साह वर्धक तथा सुखद अनुभव प्रदान करने वाली है । दिन की शुरुवात एकखंबा महल में योगअभ्यास व साइकिलिंग टूर से होगी , हेरिटेज वॉक और इंस्टाग्राम टूर करने का प्रबंध भी किया गया है। ग्रामीण पर्यटन कार्यक्रम, पर्यटकों को शहर के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों के प्रति आकर्षित करेगा, तथा डायनासोर पार्क में सितारों को देखने का अनुभव भी निश्चित ही अद्धभुत होगा। 56 महल परिसर में आयोजित होने वाले ऐतिहासिक कहानियाँ सुनाने का दौर केवल हमारे इतिहास के ज्ञान को ही बढ़ाने में सहायक नहीं होगा अपितु हमारी संस्कृति के रोचक पहलुओं से भी अवगत कराएगा।
आयोजकों ने अतिथियों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा है तथा प्रत्येक संध्या को विभिन्न कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन सुनिश्चित किया है । प्रथम संध्या में नूपुर कला केंद्र द्वारा नृत्य कला के प्रदर्शन का आयोजन रखा गया है। वर्ष कि अंतिम संध्या को कवि सम्मलेन के आयोजन द्वारा सुसज्जित किया गया है । इस कवि सम्मलेन की शोभा बढाने आ रहे है पद्मश्री डॉ सुरेंदर दुबे, संदीप शर्मा, कवित्री – डॉ रूचि चतुर्वेदी अशोक सुंदरी, पार्थ नवीन, पंकज प्रसून, अशोक चरण, लोकेश जड़िया तथा धीरज शर्मा। वहीं इशिका मुख़ाति, अंचल सचान कैलाश मालीवाड़, आनंदीलाल तथा कैलाश आदि जैसे देश के दिग्गज कलाकारों द्वारा नृत्य व संगीत के रंगारंग कार्यक्रम भी पेश किये जायेंगे।
मांडू महोत्सव को आकर्षित बनाने हेतु स्थानीय कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तुतिकरण भी शामिल किये गए है जिसमे जमनिया मांडू से लाइव पेरफरोमिंग आर्टिस्ट श्यामलालजी मिनामी तेनसिंग, बंदु भाई , आनसिंह छाबड़ी तथा गोवर्धन अपने कला का प्रस्तुतिकरण करेंगे। संगीत के बिना कोई भी महोत्सव जैसा अधूरा होता है अतः कंडलीपुरा मांडू से नानूराम व तुलसीराम बूंदड़ जो स्थानीय वादक कलाकार है, अपने संगीत वादय का प्रस्तुतिकरण करेंगे। आधुनिक जीवन शैली में आजकल ट्राइबल कैनवास आर्ट का काफी चलन है , इसी कला का प्रदर्शन करने हेतु धमनोद से कमल आर्ट समूह व उन्दा खो से बंदु भूरिया अपने कला का प्रदर्शन करेंगे।
मूर्तिकार को अपने सामने मिटटी को आकर देते हुए मूर्ति बनाते देखना भी एक अनोखा अनुभव है , मांडू उत्सव के आयोजकों ने अपने आमन्त्रति अतिथियों के लिए इस अनुभव के आयोजन हेतु बाघ से कमल किन्जा झाबुआ से शिवगंगा के तीन मूर्तिकार तथा कंडलीपुरा मांडू से संतोष भाबर जैसे मूर्तिकारों को आमंत्रित किया है जो अपने कला को अतिथियों के समक्ष प्रदर्शित करेंगे। वही आधुनिक संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है जिसमे नवराज हंस, अजित सोलंकी का गायन , मृगया बैंड, प्रेम जोशुआ व बैंड तथा मुक्त बैंड जैसे अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार भी पर्यटकों का मनोरंजन करेंगे।
मध्य प्रदेश पर्यटन और ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट द्वारा 50 लग्जरी आवासीय टेंट का निर्माण किया गया है। 56 महल परिसर में बने इस टेंट सिटी को पर्यटकों के सभी आवश्यक सुविधाओं का ध्यान में रख कर निर्मित किया गया है। इसका मुख्या आकर्षण होगा नैसर्गिक सौंदर्यता में रहने का आनंद। आधुनिक जीवन शैली में मनुष्य नैसर्गिक सुंदरता से परे होता जा रहा है अतः मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड व ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट ने यह टेंट सिटी फरवरी, 2022 के अंत तक कार्यरत रखने कि योजना बनाई है। आयोजकों का मानना है कि यदि टेंट सिटी का प्रयोग सफल रहा तो मांडू में पर्यटकों के रूचि को बढ़ावा मिलेगा । मध्य प्रदेश पर्यटन और ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट द्वारा 3 जनवरी तक पर्यटक निःशुल्क टेंट सिटी का आनंद उठा सकते है तथा इसके पश्चात् टेंट सिटी में रहने के लिए एक निश्चित शुल्क प्रतिदिन लागू होगा। इतना ही नहीं , महोत्सव के पश्चात् भी पर्यटकों के उत्साह वर्धन के लिए, मध्य प्रदेश पर्यटन और ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट जून 2022 तक हेरिटेज वॉक, साइकलिंग।
टूर, प्रदेश के विभिन्न विभागों कि जानकारी हेतु कार्यक्रम जारी रखेंगे ।
वही महोत्सव के तीसरे संस्करण के बारे में बताते हुए, श्री शिव शेखर शुक्लाजी, प्रमुख सचिव, पर्यटन और प्रबंध निदेशक, मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने कहा- “मांडू एक ऐतिहासिक शहर है, जो भारत के पर्यटन विरासत के मानचित्र में तेजाएमान हो रहा है। मांडू महोत्सव न केवल राज्य की प्रमुखता का बखान करता है अपितु स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और कमाई के अवसर भी प्रदान करता है। यह प्रयास आत्म निर्भर मध्य प्रदेश के सपने को साकार करने में भी मदद करेगा।”
ई-फैक्टर एंटरटेनमेंट के प्रवक्ता श्री राघवेंद्रसिंहजी ने बताया – “मांडू, मध्य प्रदेश में एक विशाल पर्यटन केंद्र बनने की क्षमता रखता है व इसका इतिहास काफी समृद्ध है, वो प्रेम गाथा जो आज भी सभी को प्रेरित करती है, कुछ बेहतरीन स्मारक भी है, ये सभी राज्य सरकार के लिए आय सृजन के स्त्रोत है अतः इस दृष्टिकोण से मांडू महोत्सव राज्य के लिए अति महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।”
मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के अपने निरंतर प्रयास में, राज्य सरकार और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने राज्य की सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ पहले भी आयोजित की हैं और निरंतर प्रयासरत है । इंदौर के समीप स्थित मांडू झीलों, किलो और जनजातियों की एक समृद्ध संस्कृति की धरोहर
मांडू के बारे में
मध्य भारत के पश्चिमी मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित मांडू, झरने, झीलों और विशाल स्मारकों के अपने शानदार दृश्यों से पर्यटकों को सदैव ही आकर्षित करता रहा है। राजा बाज बहादुर द्वारा अपनी रानी, रानी रूपमती की याद में बनवाए गए किले के लिए मांडू पर्यटको का सदैव ही आकर्षण केंद्र बिंदु रहा है। भारत के लगभग मध्य में स्थित मांडू ने देश के इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मांडू की यात्रा के लिए मानसून का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस समय झीलें और तालाब पानी से भरे हुए होते हैं और काले बादल, कटीली पहाड़ीयो के परिदृश्य के बीच पर्यटकों को एक सुखद वातावरण का अनुभव होता हैं। अफ्रीकी मूल के बाओबाब पेड़, और अविश्वसनीय वास्तुकला, पर्यटको के लिए मांडू में महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।