चायनीज़ मांझा : एक जानलेवा पतंगबाजी, जिसके कारण अब बढ़ने लगे मौत के आंकड़े, भारत मे हो पूर्ण रूप से प्रतिबंध।
भोपाल। मप्र : (शाहनवाज शेख) हर साल पंतग के सीजन के दौरान चाइनीज मांझे का जिक्र होता है, यह मांझा इतना खतरनाक होता है कि इससे हर साल कई लोगों व पक्षियों की मौत हो जाती है और काफी लोग घायल हो जाते हैं। इस मामले पर मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी बयान जारी किया है, उन्होंने सख्त चेतावनी दी है कि चाइनीज मांझा बेचने वालों पर वहीं कार्रवाई की जाएगी, जो उज्जैन मे हुई है। गृह मंत्री ने कहा कि एमपी में चाइनीज मांझा प्रतिबंधित है। यदि कोई चाइनीज मांझा बेचता पकड़ा गया तो उसपर उज्जैन जैसी कार्रवाई की जाएगी।
मकर सक्रांति के नजदीक आने के साथ ही पतंगों का जिक्र भी शुरू हो गया है। कई शहरों में पंतगों का बाजार भी लग जाता है और एक बार फिर चर्चा में है चाइनीज मांझा। कई प्रदेश की सरकारो ने चाइनीज मांझे पर बैन लगा दिया है और प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। हर साल पंतग के सीजन के दौरान चाइनीज मांझे का जिक्र होता है। कई लोगों का मानना है कि यह मांझा चीन से आता है और अब चीनी सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है, इसलिए इस पर बैन लगाया गया है।
हालांकि, इस पर लगे बैन का संबंध चीन से नहीं है और चीन से आयात की वजह से इस पर बैन नहीं लगाया जाता है। दरअसल, यह मांझा इतना खतरनाक होता है कि इससे हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है और काफी लोग घायल हो जाते हैं। इस मांझे के काफी ज्यादा खतरनाक होने की वजह से इस पर बैन लगाया जाता है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर इस मांझे में ऐसा क्या होता है कि यह काफी जानलेवा है और यह दूसरे मांझों से कितना अलग है…
कैसे बनता है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा, जिसे कुछ लोग प्लास्टिक का मांझा भी कहते हैं। यह प्लास्टिक का मांझा या चाइनीज मांझा अन्य मांझों की तरह धागों से नहीं बनता है। यह नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनाया जाता है। यह प्लास्टिक के जैसा लगता है और स्ट्रेचेबल भी होता है। ऐसे में जब इसे खींचते हैं तो यह टूटने के बजाय बढ़ जाता है। इसे काटना काफी मुश्किल होता है।
फिर इस धागे जैसे नायलॉन पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिस वजह से यह मांझा और भी घातक हो जाता है। यह सिंपल मांझे से काफी अलग होता है और जब इस मांझे से पतंग उड़ाते हैं तो अलग सा कंपन होता है।
क्यों है खतरनाक?
चाइनीज मांझा काफी धारदार होता है और खास बात ये है कि यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, ऐसे में इससे करंट आने का खतरा रहता है। साथ ही यह आसानी से टूटता नहीं है और किसी के गले फंस जाए तो गर्दन काट देता है। इससे ज्यादा परेशानी दुपहिया वाहनों के चालकों को होती है, क्योंकि कटी पतंग की डोर उनके गले में फंसने का डर रहता है या पतंग उड़ाते समय ध्यान न रहने की वजह से चलती गाड़ी में आदमी इस मांझे में उलझ जाता है।
इससे एक्सीडेंट की घटनाएं होती है या फिर मांझे से भी वो घायल हो जाते हैं। जबकि सामान्य मांझा हल्के से झटके बाद टूट जाता है। ऐसे में इसे काफी खतरनाक माना जाता है और हर साल इस मांझे से घायल होने के कई केस सामने आते हैं जैसे बीते कुछ महीनों में भी हमने देखा है कई लोगों को इस मांझे की वजह से जान गवाना पड़ी, सोशल मीडिया पर कभी आदमी के गले कटने की तो कभी किसी पंछियों के मांझे में उलझ कर मर जाने की तस्वीर देखने को मिलती है साथ ही इससे बिजली अवरोध का खतरा भी रहता है।
सिंपल मांझे से कैसे है अलग?
सिपंल मांझा धागे से बनता है और उसपर कांच की लेयर चढ़ाई जाती है। साधारण मांझा भी धार की वजह से काफी खतरनाक होता है, लेकिन यह आसानी से टूट जाता है। ऐसे में इसे कम खतरनाक माना जाता है। चाइनीज मांझा अलग मैटेरियल से बनता है और इसे तोड़ना काफी मुश्किल होता है, इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है।
क्यों पसंद करते हैं लोग?
जब लोग पतंग उड़ाते हैं तो उनका लक्ष्य होता है कि उनकी पतंग ना कटे और वो ज्यादा से ज्यादा दूसरों की पतंग काटे। ऐसे में वो इस मांझे को पसंद करते हैं और इससे पतंग उड़ाते हैं, क्योंकि दूसरे पतंगबाजों के लिए इस मांझे को काटना थोड़ा मुश्किल होता है। यह आसानी से टूटता नहीं है और लंबे समय तक इससे पतंग उड़ाई जा सकती है।
भारत में भी बनता है
यह मांझा अब भारत में भी बनता है और जगह जगह इसकी फैक्ट्रियां है, जिन पर सरकार कार्रवाई भी करती है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि चाइनीज मांझा सिर्फ चीन से ही आता है। सरकार ने पूरे भारतवर्ष में इस जानलेवा मांझे की फैक्ट्रियां, कारोबार तथा आयात निर्यात बंद करना चाहिए, क्योंकि कई उदाहरण व्यक्तिगत जीवन में सामने आ चुके हैं जिसकी वजह से लोगों को अपनी जान तक गवाना पड़ी।