स्टेट हाईवे-38 पर दुर्घटनाओं का न रुकना, चिंता एवं जांच का विषय – नीलेश जैन
साइड शोल्डर ना भरे होने कारण एक और बड़ी दुर्घटना घटित
ग्रामीणों एवं यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रही है टोल प्लाजा की लापरवाही
मनावर:- (शाहनवाज शेख) आज के दौर में देश की जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ लगातार यातायात के साधनों में भी वृद्धि हो रही है। जिसके चलते सड़कों पर दुर्घटनाएं भी आम हो गई हैं। प्रतिदिन समाचार पत्रों एवं न्यूज़ चैनलों के माध्यम से जगह जगह हुई दुर्घटना के समाचार देखने और सुनने को मिलते हैं। क्या वास्तविकता में यह हादसे खुद की गलती से ही होते हैं या कभी-कभी इसकी वजह कुछ और रहती है ? पिछले अंको में हमने प्रकाशित किया कि मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बड़े उद्योगो का निर्माण होने के बाद यातायात में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने बड़े उद्योगों को क्षेत्र में स्थापित होने की अनुमति तो दे दी परंतु आवाजाही के लिए सड़कों का चौड़ीकरण निर्माण करना छूट गया। जो निर्माण कार्य वर्तमान में चल रहे हैं वह भी इतनी धीमी गति से संचालित किए जा रहे हैं जिसे प्रशासन द्वारा उचित निर्देश देने की आवश्यकता है।
बात करें मनावर खलघाट स्टेट हाईवे-38 की जहां से प्रतिदिन गुजरने वाला यातायात किसी फोर लाइन के ट्रैफिक से कम नहीं है। लेकिन फिर भी यह ट्राफिक पूर्व में बने मार्ग से ही निकाला जा रहा है, क्योंकि फोर लाइन सड़क का कोई प्रस्ताव अभी तक सामने नहीं आया। इसके लिए पूर्व में निर्मित सड़कों का अच्छा रखरखाव किया जाए जिसके किये सरकार ने निजी कंपनियों को टोल प्लाजा ठेके पर दिए। जिससे सड़क से गुजरने वाले यातायात के साधनों से टोल टैक्स वसूला जाए बदले में टोल प्लाजा ठेकेदार की संपूर्ण जिम्मेदारी बनी रहे कि वह सड़क का सही रूप से रखरखाव एवं उचित देखभाल करे। लेकिन क्या ये टोल प्लाजा हकीकत में जमीनी स्तर पर भी यात्रियों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं दे रही है ? या नही। यही देखने के लिए हमारे पत्रकारों की टीम ने लगातार स्टेट हाईवे-38 पर दौरा किया जिसमें सड़कों पर हो रही दुर्घटना का कारण पता लगाया जा सके। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी निलेश जैन ने बताया कि स्टेट हाईवे 38 पर दुर्घटनाओं का न रुकना चिंता और जांच का विषय है। क्योंकि यह मामला लोगो के जीवन के जुड़ा है लापरवाही बरतने का सवाल ही खड़ा नही होता। फिर सफेद चुने से पुलियाओं को पोतना ही विकास समझ रही टोल प्लाजा कम्पनी।
आपने अक्सर देखा होगा हम कहीं हाईवे या किसी टोल प्लाजा वाले रोड से गुजरते हैं जहां देखने को मिलता है कि टोल प्लाजा की टीम जिसमें एक बड़ी एंबुलेंस, क्रेन, सड़क पर पेट्रोलियम करती दिखाई दे रही एक बोलेरो कैंपर इसके अतिरिक्त कई व्यक्तियों का स्टॉफ़ भी उपलब्ध रहता है। जो रोड से गुजरने वाले यातायात और यात्रियों को नियमानुसार सुख सुविधाएं मुहैया कराता है। फिर चाहे वह रेस्ट रूम, सुविधा युक्त सुलभ शौचालय हो, या फिर बेहतर रूप से लगाए गए चिन्ह संकेतक बोर्ड हो जो रोड पर चालक को बेहतर मार्गदर्शन देते हुई यात्रा करने के शुभ संदेश देते है। टोल वसूलने वाली कंपनी को एमपीआरडीसी या नेशनल हाईवे के निर्देश अनुसार यात्रियों को इन सारी सुविधाओं का लाभ देना होता है। क्योंकि यात्री यात्रा के लिए टोल कंपनी को तय की गई दर देकर सड़क से गुजरता है। तब वह टोल प्लाजा द्वारा दी गई सुविधाओं का अधिकृत होता है। अगर टोल कंपनी इन नियमों को ताक में रखकर अपने मनचाहे ढंग से टोल प्लाजा चला रही है तो बेहतर यही होगा कि संबंधित प्रशासनिक अधिकारी जनहित में सड़क का निरीक्षण करें ताकि सही रूप से नियमों का पालन किया जा रहा या नहीं? पता लगाया जा सके। नहीं की दशा में उचित दंडात्मक कार्रवाई करके टोल प्लाजा कंपनी को अवगत करना भी जरूरी है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही नजरअंदाज योग्य नहीं है।
बीते दिनों बाकानेर स्थित बने टोल प्लाजा से 1 किलोमीटर दूर ही पटेल ट्रांसपोर्ट का एक 22 पहिया बुलकर वाहन टर्न पर पलटी खा गया था। इस हादसे में कोई क्षति तो नहीं हुई परंतु ड्रावर घायल हुआ एवं ग्रामीण बाल बाल बचे। क्योंकि जो वाहन पलटकर रोड किनारे जा गिरा वहीं ग्रामीणों की झोपड़ी (कच्चे मकान) भी बनी हुई थी, जहां प्रतिदिन ग्रामीणों के बच्चे एवं ग्रामीण उठते बैठते हैं हम खेलते हैं।
गाड़ी पलटने की जगह भी शोल्डर भरे हुए नहीं थे जिसके कारण गाड़ी को पलटने में समय नहीं लगा। हादसा सुबह 6:00 बजे के लगभग हुआ जहां एक मोड़ पर सड़क किनारे साइड शोल्डर भराव नहीं किए जाने के कारण बुलकर वाहन व चालक दुर्घटना की चपेट में आ गया। यही बात हमने टोल प्लाजा इंचार्ज को बताइ तो उन्होंने कहा कि वाहन पलटने के कई कारण होते हैं स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।
एमपीआरडीसी के अधिकारी ने कहा
मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन जो कि सड़क निर्माण का विभाग है। जब हमने संबंधित अधिकारी से स्टेट हाईवे 38 पर टोल वसूल रही कंपनी की लापरवाही पूर्वक कार्य करने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि सड़क पर किसी प्रकार की भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी अगर टोल प्लाजा कंपनी सही रूप से कार्य नहीं कर रही है तो उससे लिखित नोटिस भेजा जाएगा। साथ ही मिल रही शिकायतों की जांच भी कराई जाएगी।
हाईकोर्ट ने लेबर जावरा टोल प्लाजा को बन्द के दिए थे निर्देश
पूर्व में लेबड जावरा फोर लाइन पर सही मेंटेनेंस सड़क का रखरखाव नहीं करने तथा सड़क पर अधिक गड्ढे होने के कारण 2 सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें दर्शाया गया था कि सत्रुंडा से बदनावर मार्ग पर सही मेंटेनेंस न किए जाने तथा लापरवाही पूर्वक टोल संचालित किए जाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट ने दायर की गई याचिका के बदले रतलाम कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए थे जिसके बाद कई महीनों तक मेंटेनेंस पूर्ण होने की दशा तक टोल वसूली बंद की गई थी।