श्री नरेश पाल सिंह को उत्तर मध्य रेलवे का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया

अखलाक अहमद
भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) के वरिष्ठ अधिकारी एवं वर्तमान में बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) के महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह को उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है।
श्री नरेश पाल सिंह एक अनुभवी, ऊर्जावान और दूरदर्शी प्रशासनिक अधिकारी के रूप में भारतीय रेल में अपनी उत्कृष्ट सेवाएँ देते आए हैं। BLW में महाप्रबंधक रहते हुए उन्होंने उत्पादन, गुणवत्ता, डिजिटलीकरण और कर्मचारी कल्याण के क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय पहल कीं। उनके नेतृत्व में BLW ने न केवल निर्धारित लक्ष्यों से अधिक उत्पादन किया, बल्कि स्वच्छता, हरित ऊर्जा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसी पहलों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
भारतीय रेल के वर्ष 1988 बैच आईआरएसईई के अनुभवी अधिकारी एवं आईआईटी, रुड़की, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वर्ष 1987 के छात्र श्री नरेश पाल सिंह ने रेलवे के कई प्रमुख पदों पर अपनी सेवा देते हुए असाधारण उपलब्धियां हासिल की है।
अपने लंबे केरियर में इन्होंने मध्य रेलवे के मंडलों में विभिन्न क्षमताओं के साथ ही मुख्य विद्युत इंजीनियर, रोलिंग स्टॉक, अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक, संचालन, मुंबई के रूप में भी उल्लेखनीय सेवा प्रदान की है।
नवम्बर 2024 से महाप्रबंधक, बरेका का कार्यभार ग्रहण के उपरांत बरेका ने लोको उत्पादन के क्षेत्र में अनेक मील के पत्थर स्थापित किये हैं, जिनमें कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां इस प्रकार है :
बरेका द्वारा निर्मित एयरोडायनेमिक WAP-7 लोको ने तकनीकी उत्कृष्टता का नया उदाहरण प्रस्तुत किया, वहीं रेल ट्रैक पर सोलर पैनल लगाकर हरित ऊर्जा की दिशा में एक अनूठा कदम उठाया गया।
सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कर्मचारियों के लिए ओपन जिम का निर्माण कराया, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी श्री सिंह के नेतृत्व में बरेका ने उल्लेखनीय कार्य किए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बरेका ने 477 लोको निर्माण कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
श्री नरेश पाल सिंह अपने नेतृत्व में मध्य रेलवे में इलेक्ट्रिकल, डीजल रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन एवं सामान्य सेवा परिसंपत्तियों के रखरखाव तथा संचालन से संबंधित कई अभिनव परियोजनाओं को शुरू किया। एक प्रमुख परियोजना 2x25kV ट्रैक्शन सिस्टम में पहली बार ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) मास्ट पर ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर (OPGW) लगाकर एरियल अर्थ कंडक्टर को प्रतिस्थापित किया गया। इस परियोजना से भारतीय रेल को कई लाभ प्राप्त होंगे:
• यह कवच (Protection) एवं सिग्नल एवं टेलीकम्युनिकेशन (S&T) आवश्यकताओं के लिए अत्यधिक विश्वसनीय संचार पथ प्रदान करेगा।
• अतिरिक्त ऑप्टिक फाइबर कोर के माध्यम से गैर-किराया राजस्व (Non-Fare Revenue) में वृद्धि होगी।
• रेल नेटवर्क में संचार व्यवस्था और भी मज़बूत व सुरक्षित होगी।
• ग्राउंड मेकिंग टेक्नोलॉजी से भारतीय रेल को करोड़ों रुपये की प्रतिवर्ष बचत होगी।
यह परियोजना न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि भविष्य के लिए एक ऐसा कदम है जो भारतीय रेल को अधिक सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएगा।