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कौमी एकता की प्रतीक दरगाह वारसी का सालाना उर्स 12 नवम्बर से उर्स की तैयारियां हुईं पूरी, दरगाह वारसी लाइटों से जगमगाई


इन्तिजार अहमद खान
इटावा। कौमी एकता की प्रतीक दरगाह वारसी में परम्परागत 101वें सालाना चार दिवसीय उर्स की तैयारी पूरी हो गयी है। देश-भर से जायरीनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। यह कार्यक्रम 12 नवम्बर से 15 नवम्बर तक चलेगा।
यह जानकारी दरगाह हजरत सैयद अबुल हसन शाह वारसी के ऑनरेरी सेक्रेटरी हसनैन वारिस वारसी ने देते हुए बताया कि उर्स की अध्यक्षता सैयद साद महमूद वारसी सद्दू मियां मैनेजर आस्ताना आलिया देवा शरीफ बाराबंकी करेंगे, मुख्य अतिथि सैयद साकिब मुईनी चिश्ती खादिम दरगाह अजमेर शरीफ और विशिष्ट अतिथि आई. एम. कुद्दूसी पूर्व गवर्नर झारखंड / पूर्व मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट प्रयागराज होंगे। उर्स शरीफ का शुभारम्भ 12 नवम्बर दिन बुधवार को सुबह बाद नमाज़ फज्र कुरान ख्वानी के साथ  होगा। हजरत मज़हर अली शाह वारसी का सुबह 11:47 पर कुल होगा। बाद नमाज जोहर दोपहर 3 बजे मीलाद शरीफ तथा असर बाद कुल शरीफ हजरत हाजी सैयद महमूद शाह वारसी होगा, रात 10 बजे से महफिले जिक्र सरकार वारिस पाक होगा, 12:30 पर शब में कुल शरीफ सुल्तान हमीद वारसी व रात 2 बजे कुल शरीफ हजरत माशूक अली शाह वारसी होगा। 13 नवम्बर दिन गुरूवार बाद नमाजे फज्र कुरान ख्वानी, बाद नमाज़ असर नजर मौलाए कायनात हजरत अली शेरे खुदा अलैहिस्सलाम होगी। रात 10 बजे महफिले समां शुरू होगी और रात में 1:10 पर कुल शरीफ हजरत सैयद अबुल हसन शाह वारसी होगा। 14 नवम्बर दिन शुक्रवार को बाद नमाजे फज्र कुरान ख्वानी, रात 11 बजे महफिले समां शुरू होगी जो रात भर जारी रहेगी। 15 नवम्बर दिन शनिवार सुबह 4:13 पर कुल शरीफ हज़रत हाजी हाफिज सैयद वारिस अली शाह आजमल्लाह जिक्ररहू बादहु मजलिस इमामैन अलैहिस्सलाम होगी। बाद नमाज़ फज्र तबर्रुक  वितरण के साथ उर्स का समापन होगा। ऑनरेरी सेक्रेटरी हसनैन वारिस वारसी ने बताया की दरगाह शरीफ कार्यकर्ताओं ने पूरी दरगाह शरीफ को दुल्हन की तरह सजा कर अपनी मोहब्बत का सबूत पेश किया है जिसमे दरगाह शरीफ के श्रद्धालु और स्टाफ प्रमुख हैं।

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