30 सालों बाद मनावर नगरपालिका में जनता ने कांग्रेस को बिठाया था, अध्यक्ष पति ने अपने करकमलों से 30 साल के लिए ओर आगे बढ़ा दिया।

मनावर। मप्र :- बहुचर्चित नगरपालिका मनावर में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही विवादों में उलझी रही, जिसका और कोई कारण नही नपाध्यक्ष पति शिवराम पाटीदार है। कैसे ?
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजकुमार जैन के देहांत होने के बाद से ही नगर को एक सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष की आवश्यकता थी, जो नगर के विकास और नगर के हित में अपना योगदान दें। लेकिन अफसोस की बात है ऐसा नहीं हो पाया। क्योंकि बदलाव की नियत से जिस जनता ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को चुना और कांग्रेस की सरकार नगर पालिका में बनाई उसी अध्यक्ष पति ने जनता को नर्वस किया। ना तो नगर का विकास हो पाया, ना ही जनता के नगर पालिक संबंधित कार्य को पूरा किया गया। हालत यह हो गये कि वार्ड क्रमांक 12 में पूर्व पार्षद के देहांत के बाद उपचुनाव में बीजेपी को सफलता मिल गई। इसका कारण और कोई नहीं अध्यक्ष पति शिवराम पाटीदार थे।
नगर में सालों बाद कांग्रेस पार्टी आने के करण कांग्रेसी जनों एवं जनता में उत्साह था कि नई सरकार क्षेत्र में विकास की गंगा बहायेगी लेकिन परिणाम विपरीत हुए, जिस पढ़ी-लिखी अध्यक्ष का चेहरा दिखाकर वोट मांगे गए थे दरअसल उस अध्यक्ष को नगर पालिका में पर्याप्त समय देखने भी नहीं दिया गया। अध्यक्ष पति शिवराम पाटीदार ने अपनी मनमानी के चलते नगरपालिका को अपने ढंग से संचालित किया। जिसका परिणाम यह रहा कि नगरपालिका पूरी तरह से ठप हो गई। कई बार नप अध्यक्ष एवं पति शिवराम पाटीदार के लिए धरना प्रदर्शन किया गया एवं आंदोलन की भी चेतावनी दी गई। और दे भी क्यों ना, क्योंकि अध्यक्ष के पति के कर कमलों से ना तो मनावर का विकास हो सका और ना ही मनावर प्रगति की ओर बढ़ा।
आज हालात ऐसे उत्पन्न हो गए हैं कि न तो नगर पालिका में अध्यक्ष की बैठक है ना ही किसी के कार्य पूर्ण हो रहे हैं। ईसी विषय को लेकर 18 फरवरी को भाजपा तथा पार्षद गणों ने चेतावनी भी दी थी कि अगर नगर पालिका में जनता के कार्यों में रुकावट आई या कार्य पूर्ण नहीं हुए तो अध्यक्ष के घर धरना प्रदर्शन किया जाएगाम आज उस बात को एक महीना पूर्ण हो चुका है ना ही क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं नाही क्षेत्र का विकास किया गया। कांग्रेस को वोट डालने वाले वोटर भी अब शर्मिंदा होने लगे हैं क्योंकि जिसे विकास पुत्र बता कर मतदान किया आज वही नगर का विनाश करने पर उतारू है।
या तो यह कहा जा सकता है कि नपा अध्यक्ष पति को नगर पालिका संचालन करने के तरीके याद नहीं थे और वह जबरन जनता के हिमायती बनके ग्राउंड पर उतर गए या फिर उन्होंने मनावर को बर्बाद करने की सुपारी ले रखी है। क्योंकि मध्यप्रदेश में देखा जाए तो छोटे-छोटे शहरों में भी बीते सालों में कई विकास कार्य हुए हैं लेकिन एक मनावर नगरपालिका क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र रहा जहां विकास का अभाव है। आज हालात ऐसे हो गए हैं ना तो प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत संपूर्ण हितग्राहियों को पक्के मकान का लाभ मिला ना ही उनके नपा अंतर्गत कार्य पूर्ण हुए। यू कहा जा सकता है कि जनता खुद को ठगा ठगा सा महसूस कर रही है। नगर पालिका को नई सरकार बने 4 वर्ष पूर्ण होने को है लेकिन मनावर की जनता को स्वच्छ सड़कों का सुख भी प्राप्त नहीं हुआ। ऊपर से जो सड़कें पूर्व सरकार में बनाई गई थी उन्हें भी आर ओ वाटर पाइप लाइन के तहत खोद कर रख दी गई जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
हम आपको अगले अंक में बताएंगे मनावर का विकास क्यों नहीं हुआ और अध्यक्ष पति के कारण मनावर कितना पिछड़ कर रहे गया।