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आज अमित शाह दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संशोधन का विधेयक संसद में पेश करेंगे।

नई दिल्ली :- दिल्ली की जनता को नगर निगम निकाय के चुनाव का बेसब्री से इंतजार है यहां तक कि सभी पार्टियों के प्रत्याशी भी अपने वार्ड में कमरकस बैठे हैं। लेकिन नगर निगम निकायों का एक में विलय करने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली के सभी तीन नगर निगम निकायों का एक में विलय करने के लिए आज देश के गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संशोधन का विधेयक संसद में पेश करेंगे।

इससे पहले मोदी सरकार के मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। लोकसभा की आज की कार्यसूचि में दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 में संसंधोन विधेयक को शामिल किया गया है। सूत्रों की मानें तो इस विधेयक के पास हो जाने के बाद दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड ही होंगे। तीनों वार्डों को एक में मिलाने के बाद नगर निगम चुनाव एक से छह साल के बाद होंगे क्योकि इसके लिए सभी वार्डों का परिसीमन किया जाएगा।

बता दें कि दिल्ली में फिलहाल 272 नगरपालिका वार्ड हैं, ऐसे में अगर नगर निगम संशोधन बिल पास होता है कि कुल नगर पालिका की संख्या 250 हो सकती है। पिछले चुनाव की बात करें तो 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव में 270 में से 181 वार्डों में जीत दर्ज की थी। तीनों ही निगम में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था। इस साल तीनों ही नगर निगम का चुनाव अप्रैल माह में प्रस्ताविक है लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अभी तक इस बाबत कुछ नहीं कहा गया है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह चुनाव से भाग रही है, अगर चुनाव हो तो तीनों ही निगमों में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ेगा। गौर करने वाली बात है कि 9 मार्च को दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा होनी थी लेकिन इसे चुनाव आयोग ने फिलहाल के लिए टाल दिया है।

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