कोई भी डिग्री, मेडल, पुरस्कार आसानी से पाना सम्भव नही : चेयरमैन इसरो

वाराणसी ब्यूरो
वाराणसी । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ सोमनाथ एस. ने कहा कि कोई भी डिग्री, मेडल, पुरस्कार आसानी से नहीं मिलता है। इसके लिए लगातार प्रयास, समय की प्रतिबद्धता का होना जरूरी है। सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने के लिए जुनून प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता, दृढ़ संकल्प, सीखने की क्षमता भी होनी चाहिए। इसरो चेयरमैन रविवार को भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान बीएचयू के 10वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि इसरो चेयरमैन ने 58 मेधावियों को कुल 84 स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसमें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र कुशल टिबड़ेवाल को सर्वाधिक सात मेडल और चार पुरस्कार मिला। इसके अलावा, बीटेक स्तर पर शैक्षणिक क्षेत्र में संस्थान स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेसीडेंट्स स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया। समारोह में ही इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के आरएडीएस अभिजित को पांच मेडल और तीन पुरस्कार दिया गया।
विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में उल्लासपूर्ण माहौल में इसरो चेयरमैन ने मेधावी छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि हर इंजीनियर पेशेवर है और रचनात्मक होने के साथ उम्मीदें भी हैं। वर्तमान दौर में उनके सामने चुनौतियां बहुत हैं, ऐसे में युवा इंजीनियरों को सफलता के लिए प्रतिबद्धता, सीखने की क्षमता बढ़ानी होगी। इसके पहले समारोह का शुभांरभ भारत रत्न महामना पंडित महन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन और कुलगीत से हुआ। दीक्षांत समारोह के आरंभ की घोषणा संचालक मंडल के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ कोटा हरिनारायन ने की। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने संस्थान की उपलब्धियों को बताया।
दीक्षान्त समारोह में पवन कुमार जैन, डॉ इंदु भूषण एवं आनंद एस. मूर्थी उपस्थित रहे, जिन्हें संस्थान के निदेशक प्रो. पी.के. जैन ने प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार 2021-22 से सम्मानित किया। समारोह में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी, लोक गायिका मालिनी अवस्थी, अनुसंधान एवं विकास के अधिष्ठाता प्रोफेसर विकास कुमार दूबे, पुरा छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर राजीव कुमार श्रीवास्तव की खास मौजूदगी रही