यौन उत्पीड़न मामलो के रोकथाम के लिए कार्यशाला का आयोजन

नई दिल्ली : नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के सतर्कता और जन स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम पर और इस संबंध में संवेदीकरण करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की अतिरिक्त सचिव डॉ. प्रवीण कुमारी सिंह ने इस कार्यशाला को संबोधित किया।
डॉ. प्रवीण कुमारी सिंह ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 की उत्पत्ति और प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने राजस्थान (Rajasthan) में 1992 में भवंरी देवी की घटना से लेकर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 (पीओएसएच) से महिलाओं के संरक्षण की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि 1997 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विशाखा दिशानिर्देश जारी हुए और उसके बाद अंततः 2013 में अधिनियम के रूप में सामने आया। उन्होंने शिकायतों के निवारण तंत्र, संरचना के साथ-साथ शिकायतों से निपटारे के लिए आंतरिक समिति के अधिकार के बारे में भी बताया।
उल्लेखनीय है कि एनडीएमसी की मुख्य सतर्कता अधिकारी गरिमा सिंह, निदेशक (सतर्कता) आर.एन. सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शकुंतला श्रीवास्तव, डॉ. गुंजन सहाय और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय पटेल के साथ-साथ एनडीएमसी के सभी सफाई सर्किल के स्वच्छता कर्मचारियों ने भी भाग लिया।