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नगर पालिका परिषद चुनाव के लिए आरक्षण होने के बाद अब टिकिट की दौड़

पार्टियों के वरिष्ठ नेताओ को नगर के हित में योग्य व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाना होगा।

मनावर – मप्र. (शाहनवाज शेख) बीते दिनों नगर पालिका परिषद मनावर धरमपुरी, डही एवं जिले की अन्य परिषदों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया कलेक्टर सभागृह में पूरी हो चुकी है। आरक्षण घोषित होने के बाद से ही आगामी नगर पालिका चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों में होड़ मची हुई है। बात मनावर नगर पालिका परिषद की करे तो आपको बता दें कि यहां कुल 15 वार्ड पर चुनाव होंगे। जिसमें कई सीट महिला तो कई पुरुष आरक्षित की गई है एवं कुछ अनारक्षित भी है। और विजय हुए पार्षद ही अध्यक्ष का निर्णय लेंगे।
मनावर वर्तमान नगर परिषद का कार्यकाल 8 फरवरी को समाप्त हो जाएगा उसके बाद चुनाव होने के आसार भी दिखाई दे रहे हैं। लेकिन चुनाव में वार्ड का आरक्षण होने के बाद से ही हलचल तेज हो गई है। मनावर में कुल 15 सीटों पर चुनाव होंगे, और 15 वार्डो से ही कांग्रेस, बीजेपी एवं अन्य दलों की खींचातानी भी शुरू होती दिखाई दे रही है। अभी कुछ भी खुलकर सामने नहीं आ पा रहा है लेकिन अंदर ही अंदर एक-एक वार्ड से पांच-पांच से अधिक प्रत्याशी अंदरूनी दावेदारी करते दिखाई दे रहे है एवं टिकट लाने की होड़ लगी हुई है। इन चर्चाओं से बाजार और नुक्कड़ चौराहे गर्म है। वर्तमान में पिछले 5 वर्षों से नगरपालिका में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही, वही पिछले कई वर्षों से बीजेपी ने नगर में राज किया है। और अब आगे किस पार्टी की सरकार है नगर में बैठेगी यह आने वाले वक्त में ही तय किया जाएगा। हाल फिलहाल दोनों पार्टी के कई उम्मीदवार अपनी-अपनी जुगाड़ से पार्टी के पदाधिकारियों को अपना भरोसा जताकर टिकट लाने और मांगने में लगे हैं।
जब हमने टिकट के प्रति चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशियों की मंशा जानी तो यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि हर व्यक्ति टिकट की दावेदारी कर रहा है और नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही गई है। और यही हालात अधिकांश वार्डो की स्थिति बयां करते हैं। दोनों पार्टी इस बार नगर में अपनी सरकार चाहती है और इसके साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी वार्डों में अपनी किस्मत आजमाइश करेंगे, बता दे कि कुछ लोग तो अभी से ही निर्दलीय पार्टी का दामन थाम प्रचार प्रसार करना शुरू भी कर दिया है। इस बार नगर पालिका चुनाव बड़ी दिलचस्प होने वाले है। क्योंकि इस बार नगर पालिका अध्यक्ष का फैसला जीते हुए वार्ड पार्षद ही करेंगे और यह प्रक्रिया कांग्रेस की 15 महीने रही सरकार के समय ही तय की जा चुकी है, मनावर में नपा अध्यक्ष की दावेदारी पिछड़ा वर्ग पुरुष की होगी। और कई नेता आरक्षण होने के बाद अपने घर से बाहर भी निकल चुके हैं, और अपने कार्यकर्ता तथा वार्ड प्रत्याशियों के प्रति मेल मिलाप भी शुरू कर दिया है। अब यह तो आने वाले समय हीं देखना होगा कि किन पार्टियों के कौन-कौन उम्मीदवार टिकट की मारामारी में अव्वल रहते हैं, जिन्हे टिकट देकर पार्टी मैदान में उतारेगी।

सक्रिय और प्रतिष्ठित व्यक्ति को मिले जिम्मेदारी

नगरपालिका के बीते 5 वर्ष कांग्रेस पार्टी के शासन में गुजरे हैं, बड़ी उम्मीदों के साथ कई वर्षों बाद नगर की जनता ने अपना अमूल्य मत देकर कांग्रेस पार्टी को जिताया गया था, लेकिन पार्टी और नगर का दुर्भाग्य रहा कि इस पद पर अयोग्य व्यक्ति की बैठक हो गई। श्रीमती संगीता पाटीदार तक भी मामला ठीक था लेकिन इस नगर पालिका को अध्यक्ष पति शिवराम पाटीदार द्वारा अपने ढंग से चलाए जाने के बाद पूरी नगर पालिका बिगाड़ हो गया था। इन बीते 5 वर्षों में ना तो नगर परिषद संतुष्ट नहीं और ना ही नगर की जनता। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस बार अपना अमूल्य मत दान करते समय कई बार विचाराधीन रहेगा। हालांकि इस बार नगर पालिका के अध्यक्ष को वार्ड पार्षदों द्वारा तय किया जाएगा, लेकिन वार्ड की जिम्मेदारी भी सही और उचित व्यक्ति को ही दी जाना जरूरी रहेगी क्योंकि बात इस बार नगर के विकास की है। हमने पिछले 5 वर्षों में देखा नगर में कोई खास विकास नहीं हुआ। अध्यक्ष पति और 5 वर्षों के बीच नगर पालिका में पदस्थ रहे सीएमओ के आपसी विवादों और तालमेल नहीं मिलने पर नुकसान जनता का हुआ। विकास कार्यों में रोड़े पड़े रहे। यहां तक कि रोजमर्रा जीवन के काम तक पूरे नहीं किए गए। ऐसे में जनता अपना अमूल्य मत देकर अब किसी अयोग्य आदमी को नगर परिषद में नहीं बैठाएगी। हालांकि हर व्यक्ति जोर आजमाइश करता है ताकि उसे पार्टी द्वारा टिकट मिल सके। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ और जिम्मेदार नेताओं ने सभी वार्ड की चिंता करते हुए सही मानसिकता, वार्ड के प्रति विकास वाली सोच तथा समाजसेवी, पार्टी के सक्रीय व्यक्ति को ही प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारना होगा। क्योंकि नही की दशा में उनकी यह गलती आने वाले 5 वर्षों तक वार्ड वासियों को दुख देगी। और अब जनता तृप्त हो चुकी है वह किसी भी हालात में अपने मतदान का गलत उपयोग नहीं करेगी वह योग्य काबिल और वार्ड की जिम्मेदारी को पूरे करने वाले ही प्रत्याशी को अपना मतदान करके विजय बनाएगी। क्योंकि अब किसी भी कीमत पर नगर की जनता अपने कार्यों को लेकर नगर पालिका में धक्के नहीं खाना चाहती है।

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