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म.प्र. की सेंधवा चेकपोस्ट पर अवैध वसूली पर कैसे लगे लगाम? केंद्रीय मंत्री गडकरी के पत्र की भी अवहेलना

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी दो बार सख्त टिप्पणी कर चुके हैं, इसके अलावा पूर्व में उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को इस संबंध में पत्र भी लिखा। बावजूद इसके विभाग में शिकायतों का दौर जारी है, लेकिन भ्रष्टाचार है कि थमने का नाम नहीं ले रहा।

मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के सपने को नेस्तानाबूद कर रखा है।परिवहन विभाग के 30 से ज्यादा चेकपोस्ट हैं जहां पर लगातार वसूली का दौर जारी है। बरसों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आरटीओ विभाग के अधिकारियों की तुलना चंबल के डकैतों से कर चुके हैं और कुछ दिन पहले भी उन्होंने इसे लेकर मध्य प्रदेश की सरकार को कड़ा पत्र लिखा था जिसके बाद आयुक्त परिवहन मुकेश जैन को पद से हटाकर उनकी जगह संजय कुमार झा को परिवहन आयुक्त बना दिया गया था। बावजूद इसके झा भी अभी तक भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहे हैं।

परिवहन विभाग के विभिन्न नाकों पर पदस्थ किए गए अमले ने वसूली के लिए निजी लोगों की तैनाती कर रखी है जो हर गुजरने वाले व्यावसायिक वाहन से जमकर वसूली कर रहे है। इंदौर ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पीएल मुकाती ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है और सेंधवा के बालसमंद नाके में हो रही वसूली को लेकर शिकायत की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि बालसमंद में पदस्थ किए गए प्रभारी परिवहन निरीक्षक मौके से गायब रहते हैं और उनके द्वारा नियुक्त किए गए गुंडे अवैध वसूली कर रहे हैं। परिवहन निरीक्षक के द्वारा दो महिला अधिकारियों की 15-15 दिन की ड्यूटी लगाई गई है और रात में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं रहता। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि मध्य प्रदेश में प्रवेश करने के नाम पर ट्रक ऑपरेटर कांप जाते हैं।

यह पहला मौका नहीं जब परिवहन विभाग की शिकायत की गई हो। विभिन्न चेक पोस्टों से आए दिन शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन ना तो विभागीय अधिकारी और ना ही विभागीय मंत्री के कान पर जूं तक रेंग रही है। जाहिर सी बात है जब नितिन गडकरी जैसे प्रभावशाली केंद्रीय मंत्री परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में असफल साबित हो रहे हैं तो फिर छोटी मोटी शिकायतों की बिसात ही क्या है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले महीनों नितिन गडकरी द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजा गया था, जिसके बाद दिखावे की कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों को तबादले किए गए थे, लेकिन कुछ दिनों बाद वही गतिविधियां दोबारा शुरू हो गई प्रति ट्रक को मध्य प्रदेश की सीमा से बाहर जाने पर 1000, 2000 यहां तक कि 2500 तक भी अवैध एंट्री देना होती है इस पर कोई लगाम नहीं है, और एमपी की लगभग सभी चैकपोस्ट का यही हाल है।

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