MCD Election : प्रचार प्रसार का दौर थमा, अब मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की उम्मीद

नई दिल्ली : एमसीडी चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार का समय खत्म हो चुका है, प्रचारक का पहिया थम सा गया है। अब नेताओं को मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की उम्मीद है। पिछले कई दिनों से सभी पार्टियों द्वारा दिल्ली की गली, मोहल्ले और नुक्कड़ सभाओं तथा रेलियो के जरिए अपनी अपनी पार्टी का प्रचार प्रसार कर रहे थे। जिसमें पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य राज्यों के सीएम तथा प्रदेश के सांसद भी प्रचार के माध्यम से जनता को लुभाने में लगे हुए थे। इसी बीच नेताओं ने जनता से सैकड़ों वादे भी किए और बेहतर प्रत्याशी के रूप में वार्ड और शहर में काम करने की रूपरेखा भी बताई।
दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तथा निर्दलीय उम्मीदवार भी सक्रिय रहे। मतदाताओं को अपना बनाने की होड़ लगी रही। पार्टी एक-दूसरे पार्टियों पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए। बीजेपी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को झूठ का पुतला बताया तो वही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली एमसीडी क्षेत्र अंतर्गत रही कमियों को गिनाया और कांग्रेस ने पूर्व में रही सरकार का हवाला देते हुए वर्तमान में जनता से मत मांगे।
बीजेपी का देखा जाए तो वार्ड प्रत्याशी से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक सड़कों पर रैलियों में शामिल हुए और जनता से बहुमत के साथ विजय के लिए मत मांगे, ताकि एमसीडी में 15 वर्षों का वर्चस्व कायम रहे। वहीं काग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर है जिनको जनता का अपार समर्थन मिला उसी के मद्देनजर दिल्ली कांग्रेस बदलाव के आसार की इच्छा जता रही है और अपने खोए हुए जनाधार को हासिल करने में लगी हुई है। आम आदमी पार्टी प्रदेश स्तर पर बनी हुई है जो एमसीडी चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को विजय बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके अतिरिक्त निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं कि इस त्रिकोण मुकाबले के चलते निर्दलीय उम्मीदवार बाजी मार सके।
एमसीडी में किस पार्टी के कितने प्रत्याशी?
दिल्ली एमसीडी चुनाव में 250 पार्षद सीटों के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 382 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे हैं। जेडीयू 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो एआईएमईआईएम ने 15 कैंडिडेट उतारे हैं। बसपा ने 174, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने चार, एनसीपी ने 29 और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।
दिल्ली नगर निगम सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे नगर निगम में से एक है। दिल्ली में एमसीडी के अंदर एक करोड़ से ज़्यादा आबादी आती है। आबादी के लिहाज से यह दुनिया के सबसे बड़े नगर निगम में से एक है। देश की राजधानी होने के नाते भी दिल्ली की अपनी सियासी अहमियत है। हजारों करोड़ रुपये के बजट वाले दिल्ली नगर निगम के पास कई सारी शक्तियां होती हैं। इन शक्तियों के प्रयोग से कई स्थानीय समस्याओं का समाधान हो सकता है और एक बड़ी आबादी के हितों को साधा जा सकता है।
एमसीडी के अंतर्गत आने वाले कामों में दिल्ली की टाउन प्लानिंग, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत अस्पतालों को चलाना, साफ-सफ़ाई सुनिश्चित करना, जल संसाधनों के विकास के साथ जल निकासी को भी सुनिश्चित करना, अपने-अपने क्षेत्रों के जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखना, प्राइमरी स्कूलों का संचालन, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना और उनका नियमन करना, हाउस टैक्स से लेकर दूसरे तरह के टैक्सों की वसूली करना आदि रहता है।