नवकार रेसिडेंसी के विवादित रास्ते को लेकर सीमांकन में फसा पेच, दल बोला अगली स्टेप के लिए डिजिटल मशीन की होगी आवश्कता।

मनावर : (मप्र.) पिछले कुछ महीनों से नगर के धार रोड स्थित नवकार रेसिडेंसी के रास्ते का विवाद गरमाया हुआ है। मामला उठकर हाईकोर्ट पहुंच गया, जहा से न्यायाधीश द्वारा तहसीलदार मनावर को अपीलकर्ता हबीबुद्दीन बोहरा के प्लॉट का पुनः सीमांकन करने के आदेश दिए। एवं उसकी समयावधि भी 30 दिनों की तय की गई थी।

उक्त आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार आरसी खतेड़िया द्वारा दो आरआई एवं 3 पटवारियों का दल तैनात किया गया। जिन्हें हबीबुद्दीन बोहरा के प्लाट का सीमांकन करने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश के पालन में बनाए गए दल द्वारा मौके का मुआयना किया गया और दोनों छोर से जमीन नापने का काम किया। परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों छोर से एक समान मिलाप नहीं आने के कारण उसे डिजिटल मशीन द्वारा किए जाने की बात कही गई एवं इसके अतिरिक्त दल प्रभारी द्वारा बताया गया कि तहसीलदार को आज की रिपोर्ट पेश करते हुए उनसे आगे कार्य करने का मार्गदर्शन लिया जाएगा। जिसके बाद स्पष्ट रूप उक्त मामले का हल निकाल कर उच्च न्यायालय में आदेशानुसार सीमांकन की रिपोर्ट पेश की जाएगी।

आज की कार्यवाही से असंतुष्ट रहे अपीलकर्ता
सीमांकन को लेकर बनाए गए दल द्वारा आज सोमवार को किए गए अधूरे कार्य से अपीलकर्ता हबीबुद्दीन बोहरा असंतुष्ट रहे तथा अस्थाई पंचनामा पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मेने 1992 के उक्त भूमि खरीदी थी। जिसपर पूर्ण रूप से मेरा अधिकार है। आदेश अनुसार सीमांकन पूर्ण होने के बाद बनाए गए पंचनामा पर हस्ताक्षर किए जायेंगे, क्योंकि कई दिनों से मेरी भूमि की जमीन पर कालोनिनाइजर आरसी जैन द्वारा बनाए रास्ते का विवाद चल रहा है और बीते दिनों एसडीएम शिवांगी जोशी द्वारा गठित किए गए दल ने उक्त मौके पर आधुनिक उपकरणों मशीनों से सीमांकन किया था जो सफल रहा था और हमे तथा संबंधित पड़ोसी भूमि मालिको को भी स्वीकार था परंतु उस सीमांकन पंचनामे पर आपत्ती लगाने के बाद मामला हाईकोर्ट में चला गया, वहां से भी माननीय न्यायधीश महोदय द्वारा पुनः सीमांकन करने के आदेश तहसीलदार को किए गए। जिसके बाद दल बनाकर कार्रवाई की जा रही है। जो आज दिनांक को पूरा नहीं हुआ।

आपको बता दें कि पूर्व की सीमांकन रिपोर्ट को देखा जाए तो हबीबुद्दीन की उक्त भूमि के पास अन्य लोगो की भी भूमि है और वही से कुछ दूरी पर एक बेहता नाला है, जिसका सीमांकन पूर्व में हो चुका है जो 38 फिर चौड़ा बताया गया और उसकी सीमा से देखा जाए तो हबीबुद्दीन का प्लाट आरसी जैन कॉलोनी नाइजर द्वारा बनाई गई कॉलोनी के रास्ते पर आ रहा है, अगर यह सीमांकन पर मान्य रहता तो कॉलोनी में इंटर होने का रास्ता लगभग मात्र 8 फीट बचेगा। जिसके बाद कॉलोनी को कई रूप से हानि पहुंच सकती है। प्रथम दृष्टा से देखा जाए तो कॉलोनी की टीएनसी पास करवाते समय नियम अनुसार रास्ता दर्शाया जाता है जो कॉलोनी नजर ने नक्शे में बताया लेकिन अब मौके पर देखा जा रहा है कि वह रास्ता हबीबुद्दीन के प्लांट से होकर गुजर रहा है जिसके बाद हबीबउद्दीन ने आपत्ति लगाई और मामला सीमांकन कराने एक नौबत तक पहुंच गया।

पड़ोसी प्लाट मालिकों ने बताया
उक्त कॉलोनी के विवादित रास्ते को लेकर हो रहे सीमांकन के बीच पड़ोसियों ने भी मौखिक आपत्ति जताई, उन्होंने कहा कि हमारी भूमि सन 1992, 94 में खरीदी गई थी जिसके बाद से ही हम हमारे मौके (भूमि) पर काबिज है। ऐसे में पास के नाले का सीमांकन किया जाकर पंचनामा भी बना हुआ है, अब उसके साथ छेड़छाड़ करने पर अगर हमारी भूमि पर कोई तकलीफ खड़ी होती है तो हम उक्त मामले को लेकर हाई कोर्ट का रुख करेंगे। वही उपस्थित नगर के उद्योगपति आरसी जैन ने कहा कि जो भी है वह सीमांकन में सामने आ जाएगा। मैंने अपने अनुसार सही रास्ता बनाया है।
फिलहाल अभी दल द्वारा अगले चरण में सीमांकन की कार्रवाई पूरी करने की बात कही गई है। जिसके लिए बहुत तहसीलदार से मार्गदर्शन लेंगे। ज्ञात हो उक्त दल में प्रभारी राजस्व निरीक्षक व्रत मनावर राजेंद्र वास्केल, सिंघाना यशोवर्धन द्विवेदी एवं पटवारी अरविंद यादव, तिलोक कर्मा तथा महिपाल रावत शामिल थे।