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नेताओं को अपनी राजनीति चमकाने के लिए मंदिर-मस्जिद और अल्ट्राटेक एवं आदिवासी समाज दिखा रहा है ?

लेकिन इन सभी नेताओ को मनावर में बायपास बनाने का कोई ख्याल आ रहा है क्या ?

मनावर : (मप्र.) आजकल गली गली मोहल्ले मोहल्ले नेताओं का चलन शुरू हो गया है जिसको लेकर हर नेता अपने वर्चस्व को साबित करने के लिए क्षेत्र के विकास, मंदिर-मस्जिद के साथ-साथ कई मामलों को लेकर मुद्दे उठा रहे हैं। लेकिन इन नेताओं को नगर के हित में नगर के बाईपास रिंग रोड का कोई मामला दिखाई नहीं दे रहा है। बीते कई सालों, महीनों और दिनों से देखा जा रहा है कि हर महीने एक नेता सक्रिय होकर क्षेत्र में हो रही कमियों की गिनती करते दिखाई देता है। और मनावर के भविष्य को उज्जवल करने की बात करते दिखाई देता है। क्या वाकई ऐसा कोई नेता है जो नगर के विकास और क्षेत्र की प्रगति के लिए चेतन है।
जिले में आंदोलन हुए मनावर के विकास के लिए कई धरने प्रदर्शन किए गए। लेकिन मुख्य मुद्दों पर कोई ध्यान आकर्षित नहीं किया गया। आज देखा जाए तो मनावर विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या नगर का बाईपास रिंग रोड है और किसी भी राजनेता कोई ध्यान नहीं।
जबकि देखा जाए तो मनावर के ट्रैफिक की स्थिति ऐसी है गूगल मैप के जरिए भी मनावर को देखा जाए तो लाल घेरे में प्रकाशित किया जाता है। मतलब मनावर नगर का ट्रैफिक जानलेवा होकर हॉटस्पॉट बना हुआ है, लेकिन किसी भी नेताओं की नजर इस मुद्दे पर नहीं पड़ती। क्षेत्रीय विधायक डॉ हीरालाल अलावा द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया था लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अभी तक बाईपास को बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। और सभी वाहन नगर के मुख्य चौराहा गांधी चौराहे से गुजरते हुए नगर से प्रस्थान कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि नगर में हॉटस्पॉट बना ट्रैफिक जानलेवा होकर प्रतिदिन दुर्घटनाओं का भय बना रहता है लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान आकर्षित करने को तैयार नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए आदिवासी भाई बहनों का सहारा लेकर हंगामा करने में माहिर है। कई बार यह भी देखा गया है कि जिले की सबसे बड़ी औद्योगिक फैक्ट्री अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट पर भी उंगली उठाना शुरू कर देते हैं। नेताओं की मानसिकता शायद यही रहती है कि बड़ी फैक्ट्री बड़े मुद्दे पर हंगामा करने से राजनीतिक केरियर चमकता है क्या यह सही तरीका है?
सीमेंट प्लांट के निर्माण के बाद से ही नगर में आवागमन बढ़ने लगा है, जहां तक व्यापार व्यवसाय भी बढ़ने लगे हैं। इसके साथ-साथ कई ड्राइवर, वाहन, मजदूर, फैक्ट्री के माध्यम से अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं। नगर में कई शॉपिंग मॉल खुल चुके हैं। दिलों नगरपालिका अंतर्गत नगर में बेहतर कार्य किए जाते हैं जिससे नगर भी जगमगाता लेकिन परिषद द्वारा अधूरे विकास कार्यों को छोड़ दिया गया जिस नगर की माली हालत खराब है। आज नगर का सबसे बड़ा मुद्दा नगर का बाईपास है क्योंकि बड़े छोटे वाहन से इस गुजर रहे हैं ऐसे में कोई अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है। उदाहरण के लिए बीते दिनों सातरुंडा में हुए ट्रक दुर्घटना के बाद रतलाम कलेक्टर सुरक्षा सुविधा की दृष्टि से मोबाइल न करने मौके पर पहुंचे थे।
लेकिन मनावर में साफ साफ दिखाई दे रहा है कि कितना जानलेवा हॉटस्पॉट ट्राफिक नगर से गुजर रहा है लेकिन कोई भी नेता इस मुख्य मुद्दे पर आवाज के लिए आगे नहीं आ रहा। इसके अतिरिक्त मंदिर मस्जिद आदिवासी समाज और सीमेंट फैक्ट्री पर हमला करने जैसे मुद्दों को लेकर राजनीति करियर में आगे जाने की उम्मीद लगाई जा रही है, लेकिन शायद विकास पुरुष की यह निशानियां नहीं है। ज्ञात हो कि मनावर नगर से तीन राज्यों में जाने के मुख्य मार्ग हैं और प्रतिदिन ट्रैफिक आवागमन तेज होते जा रहा है लेकिन सोई हुई राजनीति कब जागेगी और वह नेता जो भोली भाली जनता को अन्य मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करवाते हैं, उन्हें शायद नगर के हित में सबसे बड़ा मुद्दा बायपास रिंग रोड दिखाई नहीं दे रहा।

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