नफरत छोड़ो संविधान बचाओ – मेघा पाटकर

पदयात्रा के दौरान मनावर में जनसभा संबोधित की
मनावर : (मप्र.) मनावर तहसील के कई ग्रामों का भ्रमण कर ‘नफरत छोड़ो संविधान बचाओ’ यात्रा रविवार को चौथे दिन ग्राम जोतपुर वायल होते हुए मनावर पहुंची। तहसील कार्यालय के समीप करीब 30 मुद्दों पर चर्चा की गई। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक, समाजवादी, जात-पात धर्म पंथ निरपेक्ष राष्ट्र है। इसके लिए समता और न्याय, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक, राष्ट्र की एकता बनाए रखे। हर नागरिक को अभिव्यक्ति, विचार और धर्म की स्वतंत्रता रहे। यात्रा में नर्मदा घाटी के गांव-गांव से महिला-पुरुष साथ चल रहे हैं।

मेघा पाटकर ने कहा कि देश के मुट्ठी भर उद्योगपति और किसान-मजदूरों के बीच गैर बराबरी बढ़ रही है। पिछले 8 सालों में उद्योगपतियों को 44 लाख करोड़ की कर्ज माफी पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों की हर उपज अनाज, सब्जी, फल, दूध और वनोपज का सही दाम, संपूर्ण कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार समर्थन मूल्य दें। मेघा पाटकर ने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से 2018 में संसद के समक्ष पेश किए गए प्रस्ताव पर विशेष संसद सत्र की मांग पुरजोर रूप से उठाई गई है। उन्होंने कहा कि नदियां सूखती जा रही है और जंगल खत्म हो रहे हैं ऐसी दशा में व्यक्ति का जीवन जीना भी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में संसद भवन होते हुए भी हजारों करोड़ों रुपए की लागत का नया संसद भवन बनाया जा रहा है जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। सरकार के पास उद्योगपति मित्रों का कर्ज माफी करने के लिए पैसा है लेकिन गरीब जनता किसानों के लिए पैसा खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि मप्र में हजारों की तादाद में लोग पलायन करने के लिए मजबूर मजदूर हो रहे हैं। राज्य शासन अपनी भूमिका निभाने के बदले पूंजीपतियों का साथ दे रही है। सभा का संचालन नारायण जोहरी ने किया। विधायक के निजी सहायक दीपचद धनगर, शहर काजी डॉ. जमिल सिद्दीकी, रुकमणी बहन, सनोवर बी, योगेंद्र जाट ने अपनी बात रखी।

नगर कांग्रेस अध्यक्ष नारायण जोहरी ने कहा कि आज देश में सत्ताधारी पार्टी देश में आजादी का अमृत महोत्सव बना रही है लेकिन इस देश में क्या सच में भी लोग आजाद हैं? उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने का भी अधिकार खत्म होता जा रहा है अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से कोई बात रखता है तो उसके खिलाफ भी मुकदमा हो जाते हैं। ऐसे में देश को चाहिए कि एक मंच पर खड़े होकर नफरत हटाए और अपने अधिकार अपने संविधान को बचाएं। उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी महिला मेघा पाटकर जी जो कई दशकों से नर्मदा घाटी के किसानों, ग्रामीणों और प्रदेश तथा पूरे देश के लोगों के लिए लड़ाई लड़ रही है और सफल भी हुई। आज नफरत मिटाने के उद्देश्य से और संविधान की रक्षा करने के लिए पदयात्रा की जा रही है जिसे सफल बनाने के लिए सभी लोगों ने एक साथ सड़कों पर आना चाहिए।

शहर काजी जमील सिद्दीकी ने कहा कि आज के दौर में हर समाज को मिलकर देश हित में साथ खड़े होना चाहिए, नफरत मिटाने और संविधान में जाने के लिए मेघा दीदी आज सड़कों पर पदयात्रा कर रही है। ज्यादा तादाद में लोगों ने आकर इनका साथ देना चाहिए। इसके अतिरिक्त महिला कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष अख्तर बी, सकीना अली बुरहानी में भी मेघा पाटेकर से मिलकर अपने विचार रखे एवं समाज सेवा में उठाए जाने वाले बेहतर कदम के विषय में भी चर्चा की।

नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुकेश भगोरिया ने बताया कि यात्रा में सैकड़ों किसान, मजदूरों की नफरत छोड़ो संविधान बचाओ अभियान की 90 किलोमीटर की वाहन यात्रा रविवार को चौथे दिन मनावर पहुंची है। बाकानेर में भी सभा होगी। इस संविधान और अधिकारों को बचाने यात्रा में नर्मदा घाटी के गांव-गांव में सैकड़ों महिला-पुरुषों के साथ चल रहे हैं। यात्रा कल 19 को सुबह धरमपुरी में पहुंचेगी। मुकेश भगोरिया ने कहा कि नर्मदा घाटी के किसान, मजदूर, मछुआरे, पशुपालक 26 जनवरी से शुरू हो रही पदयात्रा में प्रतिनिधि रूप से सैकड़ों की संख्या में 30 जनवरी के शहादत दिवस पर जंतर मंतर नई दिल्ली में शामिल होंगे।
इस अवसर पर पर सादिक चंदेरी, अख्तर बी , इकबाल कुरैशी, सकीना अली बुरहानी, मोनू, मुकेश, नगरीय जनता उपस्थित रही।