फ़ातिमा ज़हरा औरतों के लिए हिदायत का चिराग – तालिब हुसैनीअल्लाह ने रिसालत, इमामत के बीच फ़ातिमा ज़हरा को बड़ा मर्तबा दियाशरीफ मंजिल में हुआ मजलिस का आयोजन

इन्तिज़ार अहमद खान ब्यूरो चीफ़
इटावा। रसूल अल्लाह की बेटी शहज़ादी फ़ातिमा ज़हरा की शहादत पर शरीफ़ मंज़िल सैदबाड़ा इटावा में राहत अक़ील की ओर से चल रहे खमसे की चौथी मजलिस में तकरीर करते हुए मौलाना तालिब अली हुसैनी कानपुर ने कहा कि रसूल अल्लाह अपनी जिस बेटी फ़ातिमा ज़हरा को सलाम करने उनके घर जाते थे और उनके सम्मान में खड़े हो जाते थे।
मौलाना तालिब अली हुसैनी ने कहा कि फ़ातिमा ज़हरा औरतों के लिए हिदायत का चिराग हैं। अल्लाह ने रिसालत और इमामत के बीच फ़ातिमा ज़हरा को रखकर सबसे बड़ा मर्तबा दिया। शहज़ादी की सीरत पर अमल करने से जिंदगी के साथ आखरत भी संभल जाएगी। अल्लाह ने फरमाया कि हमने तमाम नबियों को अपने काम के लिए चुन लिया और उनकी हिदायत कर दी लेकिन रसूल इन तमाम नबियों से ऊपर हैं। तमाम नबी सिराते मुस्तक़ीम की तरफ थे और रसूल सिराते मुस्तक़ीम पर थे। रसूल की सीरत को कुरान से समझा जा सकता है। अल्लाह ने रसूल को सैयद कह कर बता दिया कि उनकी नस्ल में कुफ्र हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हमे अल्लाह, रसूल के साथ सुपिरियल एहलेबैत मिले जो हमे हिदायत का रास्ता दिखाते हैं। मजलिस में सलीम रज़ा, जहूर नक़वी ने सोजख्वानी की, सलमान रिजवी, आबिद रजा ने कलाम पेश किये और तनवीर हसन व राहिल सगीर ने नोहाख़्वानी की। मजलिस में मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी, अल्हाज़ कमर अब्बास नक़वी, शावेज़ नक़वी, तसलीम रजा, आलिम रिजवी, राहत हुसैन रिजवी, आदिल अख़्तर गुड्डू, ताजदार हुसैन, समर अब्बास, जुनैद, सुहेल, मो. अब्बास, मुशीर हैदर, मो. मियां, तहसीन रजा, इबाद रिजवी, अख्तर अब्बास, अयाज हुसैन, शादाब, सोनू सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।