Breaking News

प्रत्याशियों की कुंडली ईवीएम में बंद :

भाजपा की परिषद बनने के मिल रहे हैं रुझान, निर्दलीयों ने निपटा दी कांग्रेस की फाइल ?

मनावर : (मप्र.) नगर पालिका 2023 के मतदान कल शाम 5 बजे समाप्त हुए, हर पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को विजय बनाने के लिए पुरजोर मेहनत की। मतदाताओं से मतदान करवाने के लिए दिनभर घमासान चलता रहा। नगर के कई वार्डों में बूथ पर विवाद भी हुए, तो वही फर्जी मत डालने का मामला भी सामने आया है। प्रत्याशियों के आपसी विवादों की खबर भी वार्ड 7, 10, और 11 आदि से सामने आई है। मनावर नगर पालिका के लिए कुल 68% तक मतदान हुए। वही पुलिस प्रशासन और चुनाव आयोग द्वारा दल बल के साथ अपनी निगरानी में चुनाव संपन्न कराए गए। कुछ विवादों की अफवाह पर पुलिस सतर्क भी रही, पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार नगर का भ्रमण कर समय-समय पर पोलिंग बूथ तथा समस्त वार्डों का निरीक्षण किया।

सभी प्रत्याशियों की कुंडली ईवीएम मशीन में बंद हो गई जो 23 तारीख के परिणाम के साथ खुलेगी। बीते दिन शाम 5:00 बजे मतदान समाप्त होने के बाद नगर में चर्चाओं का माहौल गर्म रहा जनता अपने-अपने रुझान देने लगी। सूत्रों की मानें तो फिलहाल भाजपा की नगर सरकार बनने के आसार दिख रहे हैं। सभी वार्डो की तुलना करें तो निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस के सिर का दर्द बने रहे। क्योंकि कुल 11 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। जिन्होंने वार्डो में जीत-हार का समीकरण बिगाड़ दिया है। प्रत्याशियों ने अपनी जमीनी ताकत जनता के मत हासिल करने के लिए झोंक दी। जिसके बाद भी पर्याप्त मात्रा में मतदान नही हो पाए। इसके अतिरिक्त इस बार नगर का विकास भी एक बड़ा मुद्दा बना रहा। क्योंकि पिछले 5 वर्षों में हमने देखा है कि, नगर विकास को तरसता रहा और अन्य नगरों व शहरों की तुलना पिछड कर रह गया। कांग्रेस नपा में पिछले 5 साल में अपनी जमीनी पकड़ खो चुकी थी, क्योंकि नपा अध्यक्ष पति के कर कमलों की वजह से नगर डेवलप नही हो पाया, ना ही कोई खास प्रगति हुई। जिसके बाद भी नगर में योग्य प्रथम नागरिक का चेहरा उजागर किया जाता तो शायद कांग्रेस के जनप्रतिनिधि को नपा में जगह मिल सकती थी। लेकिन पार्टी के नेताओं ने जिस प्रकार टिकट वितरण किए, वह पार्टी की एक भूल मानी जा सकती है। योग्य और साफ छवि तथा जमीनी पकड़ वाले उम्मीदवारों को छोड़कर कई ऐसे टिकट बाट दिए गए जिनकी जमानत जप्त की खबरें भी मिल रही है।
अब नगर में जनता के रुझानों सामने आने लगे है, जिसके अनुसार भाजपा को 9 से 11 सीटे मिल सकती है, जिससे परिषद बनने के आसार नजर आ रहे हैं, लेकिन निर्दलीय और कांग्रेस में भीषण युद्ध रहा। जिनको देखा जाए तो 1 से 2 सीटे निर्दलीय और 3 से 5 सीटे कांग्रेस की भी आ सकती है। नगर में भाजपा के प्रत्याशियों को जिताने के लिए नगर सचिन पांडे, सांसद छतरसिंह दरबार, जिला जनपद सदस्य गणेश जर्मन, हेमंत खटोड़ सहित नगर मंडल के भाजपा नेताओं ने जान झोंक दी। सभी बूथ पर सक्रियता से मतदान कराने के लिए जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया और लगातार भाजपा का माहौल बने रहने के लिए लगाता जनसंपर्क और प्रचार प्रसार किया।
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी नगर के कांग्रेस नेताओं ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए मेहनत तो की, लेकिन कहीं ना कहीं इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि निर्दलीय उम्मीदवारों से निपटते निपटते वह नगर की सरकार बनाने से पिछड़ गई। क्योंकि कांग्रेस पार्टी से नाराज उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी के नेताओं को असमंजस में डाल दिया था। कुछ हद तक उनकी नाराजगी भी जायज थी, क्योंकि पार्टी के नेताओं ने इस बार नगर पालिका पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी करने में भी गड़बड़ी की। नगर के वरिष्ठ और खानदानी तथा नगर के सेवक, उद्योगपति नेताओं को छोड़कर नए चेहरों को जगह दी, जो पार्टी की साख कमजोर करने में सफल रहे। इस बार नगर में देखने को मिला कि कांग्रेस पार्टी के किसी भी बड़े नेता द्वारा मनावर आकर जनसभा नहीं की गई, और ना ही जनता के बीच कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। नगर में कांग्रेस की ओर से प्रचार प्रसार करते हुए नगरीय नेता और विधायक को देखा गया, जिसमें प्रत्याशियों को छोड़कर हरीश खंडेलवाल, राजेश पवार, इरशाद अली सहित नगर की युवा इकाई आदि नेता शामिल रहे।
नगर पालिका परिषद के चुनाव व्यक्तिगत और लोकल चुनाव रहते हैं जो प्रत्याशी की साफ छवि और चेहरे पर जनता से मतदान करवाते हैं। लेकिन पार्टी के किसी नेता की एक भूल ने सारा मामला बिगाड़ कर रख दिया। जिन चेहरो को सामने करने से पार्टी की जमीन मजबूत होती, ऐसे उम्मीदवारों को किनारे कर दिया। जिसके परिणाम 23 तारीख को सामने आएंगे। जिन नेताओं ने अपना जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया और आज तक अपनी छवि को बरकरार रखा। ऐसे चेहरों को भी पार्टी ने इस बार दरकिनार कर दिया। और नए चेहरों पर दांव खेला। जो पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगी। फिलहाल अभी रुझानों के आधार पर भाजपा को अधिक बहुमत मिलने के आसार हैं लेकिन जनता के मन में क्या था और वहां क्या कर गए, यह परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button