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मध्य प्रदेश की औद्योगिक नगरी पीथमपुर नपा के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे कमलनाथ

पीथमपुर : (मप्र.) कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पुर्व सीएम कमलनाथ नगर पालिका परिषद के शपथ ग्रहण समारोह में पीथमपुर पहुंचे। जहां उन्होंने नपा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार, पुर्व जिला अध्यक्ष बालमुकूम गौतम, विधायक हनी बघेल, विधायक पाचीलाल मेडा, महिला जिला अध्यक्ष विजेता त्रिवेदी, निर्मल मेहता, जियाउल हक, नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष निर्वाचित पार्षद सहित सैकड़ों कांग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस दौरान पुर्व सीएम कमलनाथ बोले, हमारा सपना और लक्ष्य था कि पीथमपुर का औद्योगिक विकास हो और वह आगे बढ़े लेकिन जिस रफ्तार से पीथमपुर के साथ ही मप्र में औद्योगिक विकास होना था वो नहीं हो सका है क्योंकि निवेशकों को मध्यप्रदेश पर विश्वास ही नहीं है। निवेश तब आता है औद्योगिकरण तब होता है जब लोगों को प्रदेश पर विश्वास हो।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को पीथमपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये यह बात कही। वे पीथमपुर नगरपालिका के चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत के बाद नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पीथमपुर और धार औद्योगिक नगरी के रूप में पहचानी जाती है, लेकिन इस औद्योगिक नगरी में भी आज युवा रोजगार के लिए भटक रहा है, युवाओं के हाथ में काम नहीं है। आज मध्य प्रदेश के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है कि किस प्रकार हम नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर बनाएं और किस प्रकार प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दें।

शिवराज सरकार को निशाने पर लेते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को भ्रमित कर उनके साथ छलावा कर रही है। आज किसान हो या छोटा व्यापारी हर वर्ग परेशान है, कृषि क्षेत्र का सत्यानाश, नौजवानों के भविष्य का सत्यानाश प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने कर दिया है। यदि नौजवानों का भविष्य ही अंधकार में रहेगा तो प्रदेश का निर्माण कैसे होगा ? पीथमपुर में कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि 6 इंवेस्टर्स समिट हुईं, उनके आंकड़े यह हैं कि 760 प्रपोजल आए और जमीन पर केवल इसका 5 प्रतिशत ही उतर पाए। 30 लाख करोड़ की निवेश घोषणाएं हुईं, पर हुआ क्या? इस तरह की नाटक-नौटंकी से निवेश नहीं आता। निवेश और रोजगार की झूठी घोषणाओं के बावजूद आंकड़ा यह है कि पिछले साल प्रदेश में 90 लाख युवा बेरोजगार थे और इस साल एक करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं।

कमलनाथ ने यह भी कहा कि मेरी 15 महीनों की सरकार में से ढाई महीने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में चले गए थे। उसके बाद भी शिवराज सिंह मुझसे 15 महीनों का हिसाब मांग रहे हैं। वो अपने 18 वर्षों का हिसाब दें, 215 महीनों से भाजपा का शासन है और मुझसे साढ़े बारह महीनों का हिसाब मांगते हैं। उन्होंने कहा कि जनता मेरी गवाह है, जनता हिसाब देगी। जो हुआ जनता के सामने हुआ। घोषणाओं से नहीं हुआ। गौशालाएं बनीं, मध्यप्रदेश के इतिहास में इतनी गौशालाएं कभी नहीं बनीं। हमने कर्जा माफी की, जिसको इन्होंने विधानसभा में स्वीकार किया कि 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है। ये रोज झूठ बोलते हैं। हर बात पर झूठ बोलने वाले शिवराज सिंह ने लगभग 20 हजार झूठी घोषणाएं कर रखी हैं।

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