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नई शराब नीति पर बोली मेधा पाटकर : “मध्य प्रदेश बन गया है मद्यप्रदेश“

मनावर : मप्र। (शाहनवाज शेख) धार जिले के मनावर तहसील के गावों की महिलाएं और कुक्षी, बड़वानी, तहसील के गांव की प्रतिनिधि महिलाओं ने मिलकर आज, 9 मार्च के दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। इस अवसर पर एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। बड़ी तादाद में महिलाओं और पुरूषों ने एकत्रित होकर मनावर में शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ आवाज उठायी। मध्य प्रदेश बन गया है मद्यप्रदेश- यह कहते हुए महिलाओं ने गांव गांव में चल रहे अवैध शराब व्यापार को शासन का आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन से रोक न लगाने का कारण ‘भ्रष्टाचार’ होने की हकीकत उजागर की।

एक ओर महिला शक्ति का सम्मान करने वाले, महिलाओं को ‘लाडली बहना’ बताने वाले शासनकर्ता घरघर में ‘सवत’ बनकर घूस रही शराब से हो रहे अत्याचार एवं हिंसा को रोक नहीं रहे, इसलिए महिलाओं ने स्वयं आवाज उठायी और मनावर के अनुविभागीय अधिकारी तथा आबकारी विभाग के अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने बताया की ग्राम बडगांव-खेड़ी जैसे में 20 से अधिक दुकानों में दिन-रात शराब बेची जाते हुए और महिलाओं ने हिम्मत से उसे रोकने की मांग सरपंच से लेकर हर अधिकारी के समक्ष रखते हुए भी सही रोकथाम और कानूनी कार्यवाही नहीं होने पर आक्रोश जताया गया। मात्र एक बार आबकारी विभाग की अधिकारी और पुलिसों ने आकर गांव की चार/पांच दुकानों की सतही जांच की। उनके आने की खबर पूर्व में ही सभी अपराधियों तक पहुंचती कैसे हैं? व्यापारी उसी कारण सभी शराब छुपाते हैं और उपरी कार्यवाही के बाद, प्रशासन लौटते ही धंधा खोलते हैं यह कैसे? अवैधता स्पष्ट होते हुए भी, जिनके नाम भी आंदोलन ने पेश किये हैं, उनकी गिरफ्तारी तक क्यों नहीं, ये सवाल उठाये गये।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी के 6 मार्च को बालीपुर से जाहिर वक्तव्य पर महिलाओं ने सख्त नाराजग्री व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी अवैध शराब के व्यापार और व्यापारियों पर रोक लगाने की कोई बात नहीं कर रहे हैं। उन्होंने केवल शराबियों को ‘अपने’ ही लोग बताते हुए, शराब छोड़ने की अपील की। इससे स्पष्ट है कि अवैध, अपराधी शराब के माफिया को शासन प्रशासन का आशीर्वाद है, जैसा धरातल पर भी दिखाई देता है।

रेत माफियाओं को किसका संरक्षण ?

आंदोलनकारियों ने अन्य सवाल भी उठाते हुए कहा कि अवैध रेतखनन से नर्मदा की प्राकृतिक व्यवस्था की छलनी होकर नदी हो रही है बर्बाद। धरमपुरी-खुजावा, मलनगांव, जैसे गांव-गांव में, गोई, उरी, बाघनी, मान जैसी उपनदियों के किनारे का रेत खनन सर्वोच्च अदालत के 27/2/ 2012 के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के 2013 के, तथा नर्मदा आंदोलन की याचिका में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के 6/5/2015 के और हरित न्यायाधिकरण के 30/5/2017 के आदेशों का सरासर उल्लंघन है। नर्मदा नदी का भूजलचक्र बर्बाद होकर नदी की धारा भी प्रभावित हो रही है। गर्मी के दिनों में सिंचाई तो प्रभावित हो ही रही है, लेकिन नदी कायम के लिए बर्बादी भुगत रही है, प्रदूषित ही क्या, नष्ट होकर।नर्मदा के पानी की जांच से पता चला है कि यह पानी, जो राजघाट – कुकरा (तहसील, जिला बड़वानी) स्थल पर, जहां हजारों तीर्थयात्री साल में कई बार पहुंचते हैं, पीने लायक नहीं है। इसीसे एक और बीमारियां बढ़ती रही है और दूसरी ओर निजी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल बढ़ रहे हैं। मेधा पाटकर ने कहा की मध्यप्रदेश शासन – प्रशासन की इस अवैध कारोबार में सीधी सरल मुनाफाखोरी और भ्रष्टाचारी का संदेश मिल रहा है। इसे नहीं रोका जाए तो शासन नर्मदा भक्त नहीं नर्मदा का हत्यारा साबित होगा, महिलाओं में से श्यामा मछुआरा, सरस्वती बहन, वडगांव – खेड़ी की ताराबाई, गंगाबाई और सइदाबाई तथा कमला यादव ने महिलाओं पर हो रही हिंसा तत्काल रोकने की मांग की। यह भी चेतावनी दी गई कि ‘मद्यप्रदेश’ बनाने वालों को चुनाव में महिलाएं वोट नहीं देगी। मेधा पाटकर ने आबकारी नीति में लाए गये बदलावों का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि आदिवासी नेताओं के पुतले खड़े करने वाले उनमें शराब फैलाने के लिए कच्ची शराब को 50 लीटर तक बनाने की छूट तथा देशी-विदेशी शराब एक साथ बेचने की मंजूरी देने वाली नीति लाते है, यह विरोधाभास है। शराब के धंधे से शासकीय तिजोरी भरना क्या ‘रामराज्य’ है? हर धर्म और मानव धर्म तथा महिलाओं के जीने के अधिकार पर यह हमला है। उन्होंने कहा की महिलाओं पर अत्याचार का सबसे बड़ा कारण शराब है।

इस मौके पर मुकेश भगोरिया, रणवीर तोमर, देवीसिंह तोमर, ओम पाटीदार, पन्नालाल पाटीदार, भगवान मुकाती, अख्तर बी आदि ने महिलाओं का योगदान की प्रशंसा एवं अवैधता की भत्सना की। इस मौके पर ग्राम पिछोडी जांगरवा की महिलाओं की प्रतिनिधि, श्यामाबाई का सम्मान किया गया, गांव में शराब का व्यापार रोकने की कामयाबी के लिए उनकी प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया।

एसडीएम भूपेंद्रसिंह रावत ने कहा

नर्मदा बचाओ आंदोलन की महिला नेत्री मेधा पाटकर के सवालों के जवाब देते हुए एसडीएम भूपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम हर संभव प्रयास करेंगे जिसमें शराब की अवैध बिक्री ना हो, इसके लिए आबकारी विभाग को भी निर्देशित किया जाएगा और नर्मदा किनारे अवैध रेत का खनन बंद हो को लेकर कार्रवाई की जा रही है और जानकारी मिलने के बाद अतिशीघ्र ही इन अवैध कामों की जांच कर माफियाओं व अवैध खनन करने वालो पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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