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NH 3 : इंदौर-मुम्बई मार्ग पर बने गणेश घाट से गुजरते वक्त यात्री भयभीत, आज भी दुर्घटना में हुई मौत, वाहन और 2 लोग जिंदा जले।

धार : (मप्र.) इंदौर से 60-70 किमी दूरी पर धार जिले से होकर मुंबई जाने वाले मार्ग की ओर मध्यप्रदेश का अधिक दुर्घटनाओ वाला हॉट स्पॉट सड़क मार्ग नेशनल हाईवे – 3 गणेश घाट पर आज ट्रेलर वाहन सहित दो व्यक्तियों के जिंदे जल जाने से प्रदेश में हड़कंप मच गया। धामनोद अंतर्गत गणेश घाट पर यह दुर्घटना हुई, जिसमे 3 ट्रक आपस में टकराने से 2 लोगों की मौके पर मृत्यु हो गई और अन्य घायलों को उपचार हेतु सामुदायिक केंद्र में भेजा गया। आज शनिवार सुबह घाट पर दो ट्रेलरो में ब्रेक फेल होने के कारण आपसी टकराव के बाद आग लग गई, जिसमें 2लोग जिंदा जल गए। कई देर तक घाट पर जाम लगा रहा कंटेनर आग में धू-धू जलते रहे। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई लोग घाट से गुजरने में भयभीत होकर वाहन चला रहे थे। 15 वर्ष पूर्व बने इस फोर लाइन सड़क में लगभग 8 किलोमिटर के 2 घाट निर्मित है। सर्वेयर इंजीनियरों द्वारा इस घाट की ड्राइंग के आधार पर घाट का निर्माण किया, उस घाट जॉन सेक्शन में दुर्घटनाएं कम हो, यात्रा सुखद और सरल रूप से होकर यात्री वाहन घाट की ढलान को पार करें को लेकर डिजाइन मॉडिफाई भी की गई थी। बावजूद उसके सड़क मार्ग तैयार होने के बाद दुर्घटनाएं होना कम नहीं हुई।

15 वर्षों में हजारों दुर्घटनाओं में सैकड़ों जाने चली गई, कई बार ट्रक कंटेनर खाई में गिर जाते है। बावजूद इस मार्ग को नवीनीकरण कर सरल और सुखद यात्रा के लिए तैयार करना विभाग की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए थी, लेकिन किसी अधिकारी विशेष ने इस बड़ी और गंभीर विषय पर संज्ञान नहीं लिया। दुर्घटनाएं लगातार हो रही है और संबंधित विभाग अभी तक विचाराधीन है, केंद्र सरकार को पहली प्राथमिकता में प्रति माह लाखों यात्रीयों के गुजरने वाले अंतर्राष्ट्रीय मार्ग पर सड़को को मॉडिफाई करना चाहिए।

सांसद दरबार की गुजारिश पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी थी मंजूरी

सन 2022 में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्रीय सांसद छतरसिंह दरबार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मार्ग में सुधार कार्य एवं मोडीफाई करने की अनुशंसा करवाई थी, बावजूद उसके आज तक कोई ठोस समाधान विभाग द्वारा नहीं निकाला गया। इस अवसर पर सांसद श्री दरबार ने कहा कि मैं जल्द ही राष्ट्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर उक्त मुद्दे पर गहन चर्चा करूंगा। स्वीकृति होने के बाद भी कार्य को क्यों शुरू नहीं किया गया इस विषय पर भी अधिकारी वर्ग पर जोर दिया जाएगा। क्षेत्रवासियों की लगातार मांग के बाद भी सड़क में सुधार नहीं होने से यात्री भयभीत होकर घाट सेक्शन में यात्रा करते हैं।

लंबी दूरी तय करता है NH-3 आगरा मुंबई मार्ग


आपको बता दें कि NH-3 आगरा मुंबई मार्ग पर हजारों छोटे बड़े वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं और महीने में 15 से अधिक छोटी बड़ी दुर्घटना है इस घाट पर होती है। यह मार्ग दिल्ली, मध्य प्रदेश को महाराष्ट्र से जोड़ने का मुख्य मार्ग है। देश के बहुचर्चित मार्ग NH -3 पर दुर्घटनाएं आम होने से संबंधित विभाग पर उंगलियां उठ रही है। कि आखिर स्वीकृति होने के बाद भी इतनी गंभीर समस्या का समाधान अभी तक क्यों नहीं ढूंढा गया। समय पर कार्य करके दुर्घटनाओं को रोका जा सकता था, परंतु इतनी बड़ी लापरवाही समझ से परे है।

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