धार और रतलाम के बदले जाएंगे भाजपा जिलाध्यक्ष, नए नामों की जल्द होगी घोषणा

धार : (मप्र.) मध्यप्रदेश में भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी है जिसके लिए पार्टी संगठन स्तर पर कई बदलाव करने के मूड में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार संगठन स्तर पर सहमति बनने के बाद भाजपा धार और रतलाम जिले के जिला अध्यक्ष बदलने जा रही हैं। क्योंकि आगामी चुनाव में कांग्रेसका गढ़ कहे जाने वाले धार जिले में इस बार भाजपा सातों सीटों पर अपनी जीत का परचम लहराने के उद्देश्य से ही रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। ऐसे में जिलाध्यक्ष की अहम भूमिका होगी जो पार्टी के हित में जिले भर के कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव की बेहतर रणनीति बना सके।
धार में सातों सीट जीतने का लक्ष्य तय करेगी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के पास धार जिले में 2 विधायक है जिन्होंने बदनावर और धार में कब्जा जमाया हुआ है, वहीं कांग्रेस के पास 5 विधायकों की मजबूती है, जो मनावर, धरमपुरी, गंधवानी सरदारपुर और कुक्षी में काबिज है। पिछले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व में लड़े जाने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के छतरसिंह दरबार सांसद बने थे। और बदनावर उपचुनाव में राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पुनः भाजपा के बैनर के साथ चुनाव जीतकर प्रदेश में मंत्री बने। अब वर्तमान जिलाध्यक्ष के साथ खींचातानी की खबरें सामने आने लगी है जिसको लेकर कई दिनों से जिलाध्यक्ष बदलने की कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब भोपाल मुख्यालय से लगभग यह तय कर दिया गया है कि धार जिले के जिलाध्यक्ष पद पर बदलाव किया जाएगा, जिले के अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं को जल्द ही नया जिलाध्यक्ष मिलने वाला है। लेकिन पार्टी इस बार विधानसभा से पहले ऐसे जिम्मेदार चेहरे को जिलाध्यक्ष के पद पर नियुक्त करेगी जिसमें जिले की अधिक से अधिक या मानो तो सभी विधानसभा सीटे जिताने की काबिलियत हो और आपसी गुटबाजी को खत्म कर संतोषजनक रणनीति बनाकर सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चल सके। सूत्रों के अनुसार उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव यादव के बीच इस वक्त मेल मिलाप नहीं बन पा रहा है जिसको लेकर यह बदलाव होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
रतलाम के जिलाध्यक्ष का कार्यकाल हुआ पूरा
रतलाम जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा का कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है अब जिले में नए जिलाध्यक्ष की दौड़ में रतनलाल लाकड़, शंकरलाल पाटीदार, बलवंत भाटी, जयवंत कोठारी जैसे नाम सामने आने लगे हैं। हालांकि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जिले में पांचों सीटों पर भाजपा अपने विधायकों को जीत दिलाने के लिए भरपूर प्रयास करेगी। क्योंकि वर्तमान में 3 सीटों पर भाजपा और 2 सीटों पर कांग्रेस के विधायक बैठे हुए है। इस समय भाजपा यह लक्ष्य तय कर रही है कि जिले की पांचों सीट पर दोबारा भाजपा का ही कब्जा रहे। जिसको लेकर यहां जिलाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करके पांचों विधानसभा की बागडोर उन्हें सौंपने वाली है। हालांकि विधानसभा सीटों की बात करें तो इस बार कई विधायकों के टिकट कट सकते हैं वहीं कई नए नामों के साथ चुनाव लड़ा जा सकेगा। इस बार प्रदेश सरकार के अलावा टिकट वितरण प्रणाली में केंद्र की भाजपा सरकार का भी हस्तक्षेप रहेगा। सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि इस बार प्रदेश के टिकट भी दिल्ली मुख्यालय की अनुशंसा के बाद ही तय किए जाएंगे, जिन्हें अंतिम निर्णय माना जाएगा।