जामिया मिलिया इस्लामिया के चांसलर बने डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन

नई दिल्ली : दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का नया चांसलर नियुक्त किया गया है, जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) की कोर्ट (अंजुमन) के सदस्यों ने डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को यूनिवर्सिटी का चांसलर (अमीर-ए-जामिया) चुना है। सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन 14 मार्च से पांच साल की अवधि के लिए पद ग्रहण करेंगे। डॉ सैफुद्दीन डॉ नजमा हेपतुल्ला का जगह लेंगे। नजमा हेपतुल्ला का कार्यकाल पिछले साल पूरा हुआ था।
डॉ नजमा हेपतुल्ला ने 2017 में Jamia University के चांसलर के तौर पर कार्यकार संभाला था। पिछले साल ही उनका कार्यकाल पूरा हो गया था। अब उनकी जगह डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को नियुक्त किया गया है। उनके आगे कई तरह की चुनौतियां रहने वाली हैं, जिसमें यूनिवर्सिटी की छवि सुधारना प्रमुख होगा, ऐसे में आइए जानते हैं कि डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कौन हैं।
Furthering his support for the causes of education, His Holiness Syedna Mufaddal Saifuddin, the 53rd al-Dai al-Mutlaq and leader of the worldwide #DawoodiBohra community, has accepted the Chancellorship of Jamia Millia Islamia University in New Delhi.@jmiu_official pic.twitter.com/HKxsCGbxpo
— The Dawoodi Bohras (@Dawoodi_Bohras) March 13, 2023
डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कौन हैं?
डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने 2014 से ग्लोबल दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के प्रमुख हैं। वह सैफी बुरहानी अपलिफ्ट प्रोजेक्ट, टर्निंग द टाइड, प्रोजेक्ट राइज, एफएमबी कम्युनिटी किचन जैसे ग्लोबल प्रोग्राम की देखरेख करते हैं, इनमें से अधिकतर प्रोग्राम भुखमरी मिटाने, भोजन की बर्बादी में कमी, पर्यावरण की रक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित हैं।
उनकोको 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों की सूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा, उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके योगदान के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक प्रशस्ति पत्र पढ़ा गया है, उन्हें कई देशों में सम्मानित राज्य अतिथि के रूप में रिसीव किया जाता है।
कहां से की पढ़ाई?
अगर डॉ सैफुद्दीन की पढ़ाई के बारे में बात करें, तो उन्होंने सूरत में स्थित दाऊदी बोहरा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अल-जामिया-तुस-सैफिया से पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने मिस्र के अल-अजहर यूनिवर्सिटी और काहिरा यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है। उन्होंने 10 फरवरी को मुंबई में अल-जामिया-तुस-सैफिया के नए परिसर का उद्घाटन भी किया था।
डॉ सैफुद्दीन ने पिछले पांच सालों में वार्षिक ग्रंथ लिखे हैं। उन्होंने अरबी और उर्दू में कविताएं भी लिखी हैं. उन्होंने अपने कम्युनिटी की स्थानीय भाषा, लिसन अल-दावत में शानदार साहित्यिक लेख और कविताएं भी लिखी हैं, उन्होंने स्थायी कृषि प्रणाली, स्थानीय बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और यमन में लड़कियों और लड़कों दोनों को शिक्षा तक समान पहुंच प्रदान करने जैसे उपायों की शुरुआत की।