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कांग्रेस नेताओं के जांच दल ने कमलनाथ को सौंपी रिपोर्ट, विजयलक्ष्मी साधौ का छलका दर्द

भोपाल : (मप्र.) शाहनवाज शेख। बीते दिनों महू में पुलिस गोलीबारी में आदिवासी युवक की मौत और आदिवासी युवती की हत्या के मामले में पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वरिष्ठ आदिवासी विधायकों का एक दल बनाकर रिपोर्ट मांगी थी। कांग्रेस के आदिवासी नेताओं के जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ को सौंप दी है। जांच दल में 4 विधायक कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन, पाचीलाल मेड़ा और झूमा सोलंकी शामिल थीं। जांच दल ने महू पहुंचकर पुलिस गोलीबारी में मारे गए आदिवासी युवक भेरूलाल के पिता मदन सिंह छारेल और के मृतक आदिवासी युवती के परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस की जांच में यह निकले परिणाम –

• आदिवासी युवक भेरूलाल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा था और उसे दमन करके उसकी पुलिस गोलीबारी में हत्या कर दी गई।

• मृत युवती के पोस्टमार्टम में पुलिस ने सही तरीका नहीं अपनाया। परिजनों पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश की गई और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई।

• स्थानीय भाजपा सांसद के दबाव में 9 घंटे तक मामले को दबाने की कोशिश की गई।

• शिवराज सरकार का रवैया पूरी तरह आदिवासी विरोधी है। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए आदिवासी युवक भेरूलाल के खिलाफ ही पुलिस ने हत्या ने के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।

इसी तरह मृत युवती के परिवार के लोगों के खिलाफ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है।

आपको बता दे जिनविधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन सदन में महू कांड पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक एवं पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने इस मुद्दे को उठाया। कांग्रेस ने मृत युवती और युवक के परिजनों पर मामला दर्ज करने का विरोध किया। वे गृहमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे। उधर, विधायक विजयलक्ष्मी साधौ रोते हुए सदन से बाहर चली गईं। इस पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने फरियादियों को ही आरोपित बना दिया। भाजपा का यह कैसा इंसाफ है। आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ सदन में फूट-फूटकर रोने लगीं, हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक घंटे (पूरे प्रश्नकाल तक) के लिए स्थगित की गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ का दर्द फिर से छलक पड़ा। युवती के स्वजनों से मिलकर आईं कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ की आंखों से आंसू छलक आए, वे इस मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर गर्भगृह में घुटनों पर बैठ गईं और कहने लगीं कि इस पर चर्चा की भीख मांगती हूं।

इसके बाद वे आदिवासी और महिलाओं की बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर सदन से बाहर निकल गईं। साधौ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार आदिवासियों और महिलाओं के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने रोते हुए पीड़ित आदिवासी परिवार की पीड़ा बताई और सरकार पर अहंकारी, घमंडी होने के गंभीर आरोप लगाये। सरकार आदिवासियों और महिलाओं के साथ अन्याय कर रही है। इससे पहले सदन में जैसे ही हंगामा तेज हुआ तो संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने महू कांड पर जवाब देते हुए कहा- पीएम रिपोर्ट के अनुसार युवती की मौत करंट लगने से हुई है। सीसीटीवी फुटेज में थाने पर हमला करने के आधार पर 13 या 17 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। मृत युवती और युवक के परिजनों पर भी मामला दर्ज हुआ है। हालांकि, जांच में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ”जिस लड़की की हत्या हुई या फिर सुसाइड किया, उसी पीड़ित परिवार के खिलाफ 307 का मामला दर्ज किया गया। युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर दिया, मृतक के परिजन कोई बयान नहीं दे पाए, इसलिए उनके ऊपर दबाव बनाने की कोशिश की गई है। स्पष्ट हो गया है कि फरियादी पर ही पुलिस ने एफआईआर की है”। कमलनाथ ने सवाल किया कि ”क्या इस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने इंसाफ किया है”। CBI जांच की मांग को लेकर कमलनाथ ने कहा कोई भी जांच हो, नतीजा निकल कर आना चाहिए।

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