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नवकार रेसिडेंसी के विवादित रास्ते को लेकर राजिस्ट्रेड भूमि कृषको द्वारा आपत्ति दर्ज़ कराई

तत्कालीन एसडीएम द्वारा किए सीमांकन में 7 फीट रास्ता निकला, एसएलआर की रिपोर्ट ने 35 फीट बता दिया?

मनावर : (मप्र). शाहनवाज शेख – नगर के धार रोड स्थित नवकार रेसिडेंसी के विवादित रास्ते को लेकर भूमि स्वामी की राजस्व विभाग से हाईकोर्ट तक जद्दोजहद जारी है। उक्त कॉलोनी के रास्ते पर हबीबुद्दीन बोहरा की जमीन होने के कारण डेढ़ वर्ष तहसील कार्यालय में प्रकरण घूमने के बाद हाई कोर्ट पहुंचा था। जहां से न्यायधीश द्वारा 30 दिनों में पुनः सीमांकन करने के आदेश दिए गए थे। उक्त आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार मनावर द्वारा एसएलआर धार से सीमांकन करने का अनुरोध किया। ज्ञात हो कि बाबूलाल की भूमि रकबा नंबर उन 49 कस्तली कई हिस्सों में विक्रय हो गई। जिसका एक भाग (95 बाय 60) हबीबउद्दीन बोहरा ने कई दशक पहले खरीदा था। उक्त रकबे का एक हिस्सा आरसी जैन ने भी खरीदा और उस भूमि पर नवकार रे़सीडेंसी नामक कॉलोनी का निर्माण किया। परंतु वर्षों से ही कॉलोनी में जाने वाला मार्ग एक बैलगाड़ी जाने मात्र चौड़ा (07 फिट) आम रास्ता था। जिसको लेकर विवाद चल रहा है। भूमिस्वामी हबीबुद्दीन बोहरा का कहना है कि आरसी जैन द्वारा मेरी निजी भूमि पर रंगदारी करते हुए रास्ता निकाल कर सीसी रोड का निर्माण कर दिया गया। जिसको आरसी जैन ने स्वयं की भूमि पर मार्ग बनाना बताया।

उक्त मामले को लेकर तहसील एवं एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन दिए गए, जिसको लेकर तत्कालीन एसडीएम शिवांगी जोशी ने सीमांकन के निर्देश दिए, जिसका पालन करते हुए आरआई एवं पटवारियों के दल ने उक्त भूमि पर सीमांकन किया जाकर आरसी जैन के विवादित रास्ते को 7 फीट चौड़ा मात्र बताया, जो सत्यता पर आधारित है एवं रिपोर्ट पेश की, जबकि आरसी जैन द्वारा पहले ही 25 फिर से अधिक चौड़े रोड़ का निर्माण किया जा चुका था। इस मामले को लेकर हबीबुद्दीन बोहरा और आरसी जैन उच्च न्यायालय न्याय में गुहार लगाने पहुंचे। हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पुनः सीमांकन के आदेश दिए थे एवं सीमांकन की समयावधि भी तय की गई थी। समय अवधि से अधिक समय बीत जाने के बाद एसएलआर की टीम द्वारा 28 मार्च 2023 को उक्त भूमि का सीमांकन किया गया। दिनभर चले सर्वे और सीमांकन के कार्य पूरा होने के बाद एसएलआर राधेश्याम धाकड़, राजस्व वृत्त राजेंद्र वास्केल, पटवारी अरविंद यादव, तिलोक कर्मा, बद्री कुमार रणदा, धनसिंह मंडलोई आदि की गठित टीम द्वारा उक्त विवादित रास्ते को 35 फीट चौड़ा दर्शा दिया, मौके पर यह रिपोर्ट देख पड़ोसी अचंभे में पड़ गए क्योंकि कई वर्षों से जहां 7 फीट मात्र चौड़ा रोड हुआ करता था वहां आज एसएलआर धाकड़ की टीम द्वारा सीमांकन करते हुए 35 फीट चौड़ा बताया गया। जहां तत्कालीन एसडीएम शिवांगी जोशी की टीम द्वारा 7 फीट मात्र दर्शाया गया था। जिसको लेकर पड़ोसी रजिस्टर्ड भूमि मालिकों ने आपत्ति दर्ज कराई।

हबीबुद्दीन बोहरा और 91 सर्वे में पड़ोसी भूमि मालिकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए बताया कि जहां नवकार रेसिडेंसी का रास्ता निर्माण किया गया है वहां पर कई दशकों से बैलगाड़ी जाने मात्र चौड़ाई मात्र रास्ता मौजूद था, भूमि सर्वे नं 49/1/2/3 की भुमि जो है 44 आरे वहां मंदिर है जो एसएलआर द्वारा मूखय धार रोड से लगी हुई बताई है। जिसको लेकर अपील की गई है? पड़ोसी भूमि स्वामीयों ने बताया कि हमारी रजिस्टर्ड भूमि होने के बाद भी तहसील कार्यालय से हमारी आपत्ति को खारिज एवं नजरंदाज किया जा रहा है। जबकि हमारी भूमि के रजिस्ट्री सहित संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध हैं। उक्त मामले में संबंधितो से एक बात और सामने आई है कि तरमीन का आवेदन आरसी जैन द्वारा 4 अप्रैल 2023 में प्रस्तुत किया गया जबकि तरमीम 29 मार्च को न्यायालय में प्रस्तुत की जा चुकी है।

एसएलआर धाकड़ की टीम द्वारा सीमांकन के मौके पर उक्त भूमि से लगे शासकीय नाले को अपने स्थाई जगह से हटाकर किसी अन्य की रजिस्ट्रेट भूमि पर दर्शा दिया गया। जो मामला चर्चा का विषय बना हुआ है की सालों से बह रहे नाले को उठाकर अन्य रजिस्टर्ड भूमि पर दर्शा देना कहां का न्याय है। जबकि विवादित भूमि से लगे नाले का सीमांकन पहले ही किया जा कर पंचनामा बना हुआ है उसके बाद भी प्राप्त जानकारी के अनुसार साठगाठ और मिलीभगत से इस खेल को अंजाम देने की बात सामने आई है परंतु अभी मामले के संपूर्ण दस्तावेज हाथ में नहीं होने से पुष्टि नहीं की जा सकती। लेकिन जल्द ही इस मामले का संपूर्ण खुलासा किया जाएगा। सीमांकन के अवसर पर मौके पर उपस्थित पड़ोसियों और अन्य लोगों के अनुसार कहा गया कि रमेश चंद्र जैन द्वारा किए गए विवाद के कारण भूमि से लगे अन्य भूमि-स्वामीयों को भी परेशानी झेलना पड़ रही है। उक्त मामले में हबीबुद्दीन पिता हातिमताई बोहरा ने बताया कि हमने अभी एसडीएम कार्यालय में पुनः अपील एवं आपत्ति की है इस दौरान रमेश चंद्र जैन द्वारा मुझे झूठे प्रकरण में जेल भेज देने और अपने रसूख से किसी भी मामले में उलझा देने की बात कही गई। जबकि एक तरफ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा भू माफियाओं पर नकेल कसते हुए शासकीय अधिकारियों को अपने अधिकार के लिए स्वतंत्र किया गया है, ऐसी दशा में जमीनी विवाद जोकि डेढ़ वर्षों से चले आ रहा है को लेकर सामाजिक लोग परेशानी झेल रहे हैं। जिन्होंने उक्त मामले को लेकर मजिस्ट्रेट या आयुक्त स्तरीय जांच करवाने के लिए वरिष्ट अधिकारियों से अपील की है।

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