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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों ने घेरा डाला।

यह कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत होगी : बाला बच्चन (परवेक्षक कर्नाटक विधानसभा चुनाव)


बैंगलोर/मनावर : (शाहनवाज शेख) आगामी माह में कर्नाटक के विधानसभा चुनाव होने वाले है। कर्नाटक में एक चरण में 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है, 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को परिणाम जारी किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नाटक में 5.21 करोड़ मतदाता हैं। जिनमें पुरुष मतदाता 2.6 करोड़ और महिला मतदाता 2.5 करोड़ हैं।

कर्नाटक विधानसभा में मात्र बीस दिनों से भी कम फासला रह गया है सभी राजनीतिक दल चुनाव में अपनी अपनी जीत के लिए शक्ति प्रदर्शन के साथ पूरी ताकत झोंक रहे है, वर्तमान काबिज भाजपा प्रदेश में दोबारा सत्ता की चाह में हर संभव प्रयास कर रहे है। इसी चुनावी माहौल के बीच लोक पोल ने भी अपना सर्वे दिया है। इसमें दावा किया जा रहा है कि 2023 में कांग्रेस की जीत बहुमत के साथ दिखाई दे रही है। सर्वे के मुताबिक, बीते महीने में किए गए इसी तरह के सर्वे से कांग्रेस ने अपनी स्थिति में सुधार किया था, जिससे बीजेपी की सीटों की संख्या में और गिरावट आई है। 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल 119 विधायक भाजपा के हैं, जबकि कांग्रेस के 75 विधायक हैं, वहीं सहयोगी जद (एस) के 28 विधायक है। कर्नाटक में वर्तमान में भाजपा की सरकार है। हाल ही में कांग्रेस की बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे की उपस्तिथि में सभी नेताओं ने जीत की हुंकार भरी। वही परवेक्षक बाला बच्चन ने कहा की यह कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत रहेगी। जानता इस बात बदलाव के मुंड में है। निश्चित ही हम जीत की ओर हैं

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्रियों को कर्नाटक के राष्ट्रीय दल में प्रभार सौंपने के बाद से ही तीनों पुर्व मंत्री दौरे़ पर है।

हाल ही में कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा दिल्ली से प्रभारियों और परवेक्षको की सूची जारी होने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक बाला बच्चन, उमंग सिंघार और जीतू पटवारी जैसे नेताओं ने कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों में घेरा डाल रखा है। आगामी मध्य प्रदेश चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी ने इन नेताओं की शक्तियों और अनुभवों का भरपूर उपयोग लिया जा रहा है। इनमे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी विधायक बाला बच्चन तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री के रूप में मध्य प्रदेश पुलिस का नेतृत्व कर रहे थे। और वर्तमान में आगामी मध्य प्रदेश चुनाव के धार, खंडवा और बुरहानपुर जिले के प्रभारी भी नियुक्त किए गए। वही दूसरे पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार एक आदिवासी कद्दावर नेता होने के साथ-साथ प्रदेश के दबंग नेता के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने पूर्व में झारखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे प्रदेशों में कांग्रेस द्वारा दिए गए निर्देशों का पूरी ताकत के साथ निर्वहन किया और पार्टी की जीत निश्चित की। इन्हीं के साथ एक नाम जीतू पटवारी का भी शामिल है जो युवा नेता होने के साथ-साथ राऊ (इंदौर) के विधायक और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इंदौर और मध्य प्रदेश में रैली के दौरान पूरी शक्ति के साथ डटे रहे। उक्त यात्रा भी इंदौर के राजबाड़े की ड्रीम नाइट भी चर्चा का विषय बनी लोगो का ऐतिहासिक समर्थन मिला था।

भारतीय जनता पार्टी के कई टिकट कटने के साथ विधायको में नाराजगी का भी माहौल बना हुआ है, वहीं कुछ लोगों ने अन्य पार्टियों से चुनाव लड़ने का फैसला किया। फिर भी केंद्रीय नेतृत्व से लड़े जाने वाले चुनाव में भाजपा की अंदरूनी रणनीति भी तैयार है। दिल्ली से दिग्गजों की टोलिया का भी कर्नाटक में उतरना जारी है। सभी केंद्रीय नेताओं को दी गई जिम्मेदारियों को भी कर्नाटक में अहम भूमिका के तौर पर निभानी होगी। भाजपा कई मुद्दो पर चुनाव लड़ रही है।

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