पत्रकारों पर फर्जी तरीके से कार्यवाही करने में आगे है कमिश्नरेट वाराणसी की पुलिस

वाराणसी ब्यूरो
वाराणसी। कमिश्नरेट वाराणसी की पुलिस गाहे-बगाहे अपने गैर जिम्मेदाराना रवैया से सुर्खियों में बनी रहती है ताजा मामला है थाना बड़ागांव के हरहुआ चौकी का है, जहां पर विगत कुछ दिन पूर्व मनबढ़ सिपाही अंकित सरोज जो कि दारू के नशे में धुत्त था उसने एक पत्रकार के साथ बदतमीजी करते हुए किसी मामले में सुलह समझौते के लिए जोर दे रहे थे।
सिपाही अंकित सरोज ने दारू के नशे में कई पत्रकार के साथ अभद्रता
बता दें कि जिस समय पत्रकार से हो बदतमीजी कर रहे थे उस वक्त हरहुआ चौकी पर तैनात सिपाही अंकित सरोज पूरे नशे में थे, जिसकी शिकायत पत्रकारों के एक समूह ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से किया। शिकायत पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने आश्वासन दिया कि जांच कराकर उक्त पुलिसकर्मी के ऊपर कार्यवाही किया जाएगा लेकिन आश्वासन सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहें उल्टा ही हरहुआ पुलिस ने पत्रकार के ऊपर 107,16 में पाबंद कर दिया।
दरोगा मुनिशंकर वर्मा का रहा है विवादों से नाता
स्थानीय सूत्रों की माने तो यह मुनिशंकर वर्मा दरोगा जिस थाने पर रहे हैं हमेशा विवादों में रहे हैं इससे पूर्व जैतपुरा में एक पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार किया जिसकी शिकायत पत्रकार ने फ़ोन के जरिये तत्कालीन पुलिस आयुक्त ए०सतीश गणेश के की गई, तो दरोगा जी कहने लगे ओहले बताना चाहिए था न कि आप पत्रकार है, ऐसे बहुत सारे किस्से हैं इस दरोगा मुनिशंकर के, इनके खिलाफ पुलिस कमिश्नर के यहां काफी शिकायतें मिलती रहती है।
पूर्वाग्रह से ग्रसित दरोगा मुनिशंकर वर्मा ने लगाई गलत रिपोर्ट, पीड़ित को ही किया 107,16 में पाबंद
मौजूद मामले में सिपाही ने पत्रकार अशोक के साथ गाली गलौज की और वीडियो में दिख रहा है कि वह सिपाही नशे में है लेकिन दरोगा मुनिशंकर वर्मा को ये नही दिखाई दिया, बस बिना पीड़ित से बात किये एकतरफा रिपोर्ट लगा दिया, इससे यह साबित होता है कि ये दरोगा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर रिपोर्ट तैयार किया है।
अपर पुलिस आयुक्त से शिकायत के बावजूद दरोगा नई पीड़ित पत्रकार पर ही किया कार्यवाही
पत्रकारों के ऊपर हो रहे इस तरह कि पुलिसिया रवैया से पत्रकारों का संगठन काफी आहत है आखिर क्यों पुलिस कमिश्नर अपने कर्मचारियों को बचा रहे हैं???