जिलाधिकारी पहुंचे मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना के प्रभावित किसानों के बेमियादी धरने पर, किसानों से किया वार्ता,बेमियादी धरना हुआ समाप्त

वाराणसी ब्यूरो
किसानो की मांग पर जिलाधिकारी ने दी सहमति,बिना मुआवजा लिये किसानो की जमीन अवमुक्त करने हेतु शासन को जिलाप्रशासन भेजेगा स्वीकृति प्रपोजल
बिना मुआवजा लिये किसानो की जमीन अवमुक्त करने मे शासन को अगर वैधानिक अड़चन आयी तो भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर बिना मुआवजा लिये किसानो को वर्तमान सर्किल दर का चारगुना मुआवजा देकर ही जमीन लेगी सरकार – जिलाधिकारी
लिखित सहमति हेतु बुधवार को जिला प्रशासन और किसान संघर्ष समिति की बैठक मे विन्दुवार वार्ता के बाद सहमति पत्र पर संयुक्त हस्ताक्षर होगा तबतक मुआवजा दिये क्षेत्र मे भी कोई कार्य नही करेगा विकास प्राधिकरण
वाराणसी ।रोहनिया में किसान संघर्ष समिति द्वारा संचालित बैरवन धरना स्थल पर सायं 5.30 बजे पहुंचे तपती धूप मे धरना पर बैठे किसानो के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुये पूछे कि धरना पर बैठने का कारण क्या है तो किसानो का नेतृत्व करते हुये किसान संघर्ष समिति मोहनसराय के मुख्य संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने आदेश दिया है कि जो किसान मुआवजा नही लिये है उनकी जमीन भी विकास प्राधिकरण कब्जे मे ले रहा है जबकि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने आदेश मे कहा है कि मुआवजा नही लेने वाले किसानो का मालिकाना हक बना रहेगा तथा उनकी जमीन शासन छोड़ सकता है, जिसके आधार पर बिना मुआवजा लिये किसानो की सर्वसम्मत की मांग है कि इनकी जमीन अवमुक्त कर वैधानिक रूप से किसानो का नाम राजस्व अभिलेखो मे दर्ज कर दिया जाय जिसपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि हम जमीन अवमुक्त करने हेतु उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर बहुत जल्द शासन को पत्र लिखकर भेज देगे जिसमे यहा के अतिलघु किसान जिनकी बहुफसली जमीन ही जीविकोपार्जन का एक मात्र सहारा है का हवाला भी दिया जायेगा लेकिन अगर शासन को जमीन अवमुक्त करने मे वैधानिक अड़चन आयी तो बिना मुआवजा लिये किसानो को भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर वर्तमान सर्किल दर का चारगुना मुआवजा देकर ही जमीन लिया जायेगा जिसका किसानो ने सर्वसम्मत से स्वागत किया। किसानो और जिलाप्रशासन की संयुक्त बैठक कर एक एक विन्दु पर वैधानिक तरीके से सहमति बनाकर कार्य करने पर सहमति बनी। विकास प्राधिकरण के अवैधानिक कार्यो को भी साक्ष्य के साथ बताया गया जिसपर जिलाधिकारी ने जिम्मेदार अधिकारीयो पर नाराजगी जतायी, 16 मई को किसानो पर दर्ज मुकदमे हेतु डीसीपी को देखने को कहे। किसानो की मांग पर जिलाधिकारी की सहमति और सीधे उक्त योजना हेतु किसानो से सीधा संवाद की बात पर विश्वास कर किसानो ने बेमियादी धरना स्थगित करने पर सहमति दी।

लिखित सहमति हेतु बुधवार को जिला प्रशासन और किसान संघर्ष समिति की बैठक मे विन्दुवार वार्ता के बाद सहमति पत्र पर संयुक्त हस्ताक्षर होगा तबतक मुआवजा दिये क्षेत्र मे भी कोई कार्य नही करेगा विकास प्राधिकरण । जिलाधिकारी के जाने बाद किसानो को सम्बोधित करते हुये किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक विनय शंकर राय “मुन्ना” ने कहा कि प्रमुख मांग मानवना किसान के संघर्ष की जीत है । वार्ता मे प्रमुख रूप से कृण्ण प्रसाद पटेल, अमलेश पटेल, मेवा पटेल, डा विजय वर्मा, दशरथ पटेल, हृदय नारायण उपाध्याय, विजयी पटेल, रमेश पटेल, प्रेम शाह, दिनेश तिवारी, बच्चा मिश्रा, अंशु उपाध्याय, लाल बहादुर पटेल, अवधेश प्रताप, बिहारी पटेल, लालमनी पटेल, सुनीता पटेल, राधा देवी, आरती वर्मा, संगीता पटेल, उर्मिला पटेल, मंजू पटेल, राजेन्द्र पटेल, राकेश पटेल, रतन पटेल, विभोर कुमार पटेल, नंदलाल पटेल, विजय गुप्ता सहित सैकड़ो किसान शामिल थे।
धरने को शशि प्रताप सिंह, दिलीप पटेल, संतोष मौर्या, रामलाल पटेल, हरीश मिश्रा, राजेश पटेल, भोला नाथ मौर्या, अरूण कुमार सिंह सहित इत्यादि लोग सम्बोधित किये।