गंगा किनारे दुर्लभ अवस्था में मिला हिरण

आसिफ़ राजा ब्यूरो चीफ़
फर्रुखाबाद शमसाबाद। जाको राखे साइयां मार सके ना कोई वाली कहावत उस समय चरितार्थ हो गई जब गंगा किनारे विचरण वाले दुर्लभ प्राणी हिरण को जंगली कुत्तों ने शिकार बनाने के लिए हमला कर दिया।शुक्रवार की सुबह गंगा नदी के किनारे अचानक एक दुर्लभ हिरण की दस्तक हुई स्थानीय लोगो के अनुसार हिरण को विचरण करता हुआ प्यास से बेहाल गंगा नदी के पास जा पहुंचा गंगा नदी में पानी देख शायद हिरण प्यास बुझाने के लिए सोच ही रहा था उसी दौरान बहा पहले से मैजूद कुछ जंगली कुत्तों ने देख लिया और शिकार बनाने के लिए हमला बोल दिया बताते हैं जागने कुत्तों के शिकार से बचने के लिए हिरण द्वारा गंगा में छलांग लगा दी गई जिस पर जंगली कुत्तों ने भी छलांग लगा दी आगे-आगे हिरन पीछे-पीछे कुत्ते किसी तरह घायल हिरण जब बाहर निकला तो कुत्तों ने बहा भी घेर लिया और हमला कर घायल कर दिया।बताया गया है उस वक्त गंगा में स्टीमर चलाने वाले कुछ लोग इस नजारे को देख रहे थे।हमलावर जान के प्यासे जंगली कुत्तों से हिरण को बचाने के लिए गोताखोर लाठी डंडों के साथ मैदान में उतर गौर जहा उन्होंने जान की बाजी लगाकर जंगली कुत्तों को भगाया और घायल हिरण की जान को बचाया।घटना की सूचना बन विभाग के अधिकारियों को दी जिस पर दरोगा राकेश तिवारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने घायल अवस्था में दुर्लभ जीव हिरण का सुरक्षित रेस्क्यू किया उन्होंने बताया सूचना के आधार पर टीम को भेजा गया था यहां कुत्तों द्वारा शिकार बनाए गए हिरण को सकुशल बचा लिया गया मौके पर जानकार लोगों का कहना था एक हिरण जिसके पीछे तमाम जंगली कुत्ते हमलावर थे हमलावर कुत्तों ने हिरण को घायल कर दिया था लेकिन कहावत है ईश्वर महान है मुश्किल के वक्त कोई न कोई फरिश्ता बनाकर मौके पर भेज ही देता है ऐसी ही घटना गंगा नदी के पास देखी गई लोग आश्चर्य बताते हुए ईश्वर को धन्यवाद देते हुए शायद यही कह रहे थे। जाको राखे साइयां मार सके ना कोय