महीने भर में ही बदले आईटी सेल पदाधिकारी, किसके कहने पर चल रही मनावर कांग्रेस की राजनीति?

मनावर : (शाहनवाज शेख) पिछले कई महीनों से देखा जा रहा है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे ही कांग्रेस की राजनीति में कई उलटफेर देखे जा सकते हैं। हाल ही में मनावर नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नारायण जोहरी को बदलकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम सोलंकी को नगर कांग्रेस की कमान दी गई, जबकि श्री सोलंकी नगर अध्यक्ष से ऊंचे कई पदों पर विराजमान रहे हैं। कारण जानने पर बताया गया की पूर्व नगर अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के कारण उन्हें अपने दायित्व से मुक्त किया गया। लेकिन शुक्रवार को आईटी सेल विधानसभा अध्यक्ष के किए गए नाम परिवर्तन से नगर में प्रश्नचिन्ह लगना शुरू हो गए हैं। महीने भर पहले ही आईटी सेल विभाग के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नगर के युवा कर्मठ कांग्रेस कार्यकर्ता आशीष साद को मनावर विधानसभा आईटी सेल अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। इस नियुक्ति के बाद ही 1 महीने के दरमियान आईटी सेल के अध्यक्ष को बदलकर श्याम प्रजापत को जिम्मेदारी दी गई। जबकि आशीष साद कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता थे जिनकी सोशल मीडिया से लेकर कांग्रेस हितेषी गतिविधियां चर्चाओं का विषय रहती है, वह प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में किए जाने वाले कांग्रेस की अग्रिम योजनाओं से लेकर प्रचार प्रसार के माध्यम कांग्रेस के कद को बढ़ाने का सतत प्रयास करते हैं। परंतु अचानक किए गए बदलाव से नगर की राजनीति में नुक्कड़ चर्चाओं का दौर जारी हो गया। और युवाओं में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
नगर में पार्टी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे है की कट्टर खानदानी कांग्रेस कार्यकर्ता आशीष साद को अपने नवीन पद के कार्य से मुक्त करने और अन्य व्यक्ति को आईटी सेल की जिम्मेदारी देने के पीछे क्या कारण हो सकते है? क्या मनावर कांग्रेस किसी षड्यंत्र का शिकार हो रही है या नगर के नेता अपनी मनमानी के चलते पार्टी को अपने इशारे पर चलाना चाहते है। पहले ही कांग्रेस का स्तर मनावर विधानसभा में काफी गिर चुका है, पूर्व में हुए सभी छोटे चुनाव में लगातार कांग्रेस की हार कांग्रेस को विधानसभा के कमजोरी को दर्शा रही है, ऊपर से युवा नेताओं को बेवजह अपने पदों से मुक्त करके पार्टी उनका आत्मविश्वास कमजोर कर रही है। सूत्रों के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के कोई नेता मनावर को अपने इशारे पर चला रहे हैं जिससे कि वह अपने पक्षकार लोगों को कांग्रेस के सभी पदों पर बिठाकर आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी रोटियां सेकते हुए विधानसभा टिकट की मांग कर सकते हैं।
इस विषय में जब हमने आईटी सेल विभाग के जिले और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों से चर्चा करना चाही तो कुछ नेताओं ने अपने जवाब में कहा कि यह नियुक्ति हमारे संज्ञान में नहीं है एवं जब प्रदेश अध्यक्ष अभय तिवारी से बात करने के लिए उन्हें कॉल किया गया तो उन्होंने पत्रकारों के फोन नहीं उठाये। आपको बता दें कि इस तरह की राजनीति से मनावर कांग्रेस को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है या फिर यूं कहा जाए कि अपने फायदे के लिए कुछ नेता मनावर कांग्रेस को तोड़ मरोड़ कर हाईजैक करने के मूड में है ?