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अखिलेश यादव के जन्मदिन पर भावी प्रधानमंत्री अखिलेश यादव… सपा कार्यालय के बाहर लगा ये पोस्टर हो रहा वायरल

आसिफ़ राजा की कलम से

उत्तर प्रदेश ।समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आज 50वां जन्मदिन है। इस मौके पर सपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। सपा कार्यालयों और अन्य जगहों को जन्मदिन के बधाई संदेश से पाट दिया गया है। कुछ कार्यकर्ता हवन-पूजन करा रहे हैं। एक पोस्टर में तो अखिलेश को देश का भावी प्रधानमंत्री बताया गया है।

यूपी के सभी शहरों के जिला कार्यालयों में शनिवार को सपा सुप्रीमो का जन्मदिन मनाया जा रहा है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने 50 सेकेंड का शीर्षासन करके उन्हें बधाई दी। पूर्व सीएम अखिलेश यादव आज अपने जन्मदिन के मौके पर लखनऊ पब्लिक स्कूल का उद्घाटन करके लिए भी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा वह यहां पौधारोपण कार्यक्रम में भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा वाराणसी में ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया गया है।

सीएम योगी और मायावती ने दी बधाई

विधानसभा में नेता प्रतिक्ष अखिलेश यादव के जन्मदिन पर उनके सियासी विरोधियों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को जन्मदिन की बधाई। प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव को जन्मदिवस की बधाई दी है।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी ट्वीट कर सपा सुप्रीमो को बधाई दी है। उन्होंने लिखा, समाजवादी पार्टी के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आज उनके जन्मदिन पर उन्हें व उनके परिवार वालों को हार्दिक बधाई तथा उनकी अच्छी सेहत के साथ लंबी उम्र की शुभकामनाएं।

सपा प्रवक्ता ने बताया भावी प्रधानमंत्री

अखिलेश यादव के जन्मदिन पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें से एक पोस्टर काफी वायरल हो रहा है। वायरल पोस्टर में सपा सुप्रीमो को देश का भावी प्रधानमंत्री बताया गया है। प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने सपा कार्यालय के बाहर यह पोस्टर लगवाया है, जो काफी सुर्खियां बटोर रहा है।

अखिलेश का बचपन और पढ़ाई – लिखाई

अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को मैनपुरी के सैफई गांव में हुआ था। माता का नाम मालती देवी और पिता का नाम मुलायम सिंह यादव था। दोनों का शादी के 16 साल बाद अखिलेश का जन्म हुआ था। बचपन में उनका नाम टीपू रखा गया था। लेकिन जब वे चार साल की उम्र में स्कूल में एडमिशन करवाने गए तो शिक्षकों के सुझाव पर उन्होंने अपना अखिलेश यादव रख लिया। अखिलेश जब 10 साल के हुए तो उनका दाखिला राजस्थान के धौलपुर स्थित सैनिक स्कूल में करा दिया गया। स्कूलिंग पूरा करने के बाद अखिलेश उन्होंने एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग के लिए मैसूर के जेएसएस कॉलेज में एडमिशन लिया। 1996 में अखिलेश इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर चले गए। वहां से डिग्री कंप्लीट कर ही भारत लौटे।

भारत आकर फिर डिंपल से की शादी

अखिलेश यादव और डिंपल के बीच प्रेम प्रसंद उनके ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले ही शुरू हो गया था। अखिलेश दब सिडनी में थे दोनों खतों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई कर लौटे अखिलेश ने डिंपल से शादी करने की ठानी। लेकिन उनके पिता मुलायम सिंह यादव इसके लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद अखिलेश ने अपनी दादी और दिवंगत नेता अमर सिंह के जरिए पिता को राजी करवाया। 24 नवंबर 1999 को एक भव्य समारोह में दोनों की शादी हुई। जिसमें तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई भी शामिल हुए थे।

अखिलेश का सियासी सफर

अखिलेश यादव की राजनीति में एंट्री भी अचानक हुई। एक दिन जब वे अपनी पत्नी के साथ मॉल में थे तो पिता मुलायम सिंह यादव का फोन आया कि उन्हें चुनाव लड़ना है। अखिलेश पहली बार कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर संसद पहुंचे थे। 2004 और 2009 में भी जीत का ये सिलसिला जारी रहा। 2012 में जब वे यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनाए गए, तब उनकी पत्नी डिंपल यादल उनकी सीट कन्नौज से जीतकर लोकसभा पहुंची।

अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में लैपटाप स्कीम जैसी कई ऐसी योजनाएं शुरू कीं, जिसके खूब चर्चा हुई। उनकी सरकार के दौरान एक्सप्रेस वे भी बने। लेकिन खराब कानून व्यवस्था, पार्टी तथा परिवार में मचे घमासान और मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति ने 2017 में उन्हें सरकारसे बेदखल कर दिया। कांग्रेस के साथ गठजोड़ के बावजूद उन्हें करारी शिकस्त मिली। 224 सीटें जीतने वाली सपा की सीटें घटकर 47 रह गईं।

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