Breaking News

बंकनाथ अटल दरबार से भगवान शिव का डोला निकाला, जानिए इस माह की विशेषताएं।

मनावर : (मप्र.) श्रावण मास के सोमवार को बंकनाथ अटल दरबार मंदिर से बाबा महाकाल का डोला निकाला गया, जो  श्रावण मास के प्रति सोमवार को नगर भ्रमण के साथ निकाला जाता है। यह नगर के मुख्य मार्ग नाला प्रांगण होते हुए पटवा मोहल्ले, अंबेडकर चौराहा, गांधी चौराहे, मेन बाजार से भ्रमण करते हुए अटल दरबार मंदिर में समापन किया गया। जगह जगह श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के डोले पर पूजा अर्चना की। इस मौके पर नगर के गांधी चौराहे पर भक्तजनों ने आतिशबाजी भी की गई। इस अवसर पर मुकेश मुकाती, भागचंद पाटीदार, राजा शर्मा, राहुल पाटीदार, नितेश नामदेव, दीपक मोगरिया, हरिओम पाटीदार, श्रीधर पाटीदार, सुरेश पाटीदार आदि भक्तजन उपस्थित रहे।

भोलेनाथ के भक्त भागचंद पाटीदार ने बताया की श्रावण मास का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। उन्होंने बताया की श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना वर्ष का पांचवां माह है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त में आता है। इस दौरान सावन सोमवार व्रत का सर्वाधिक महत्व बताया जाता है। दरअसल श्रावस मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है। श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना अति फलदायी माना गया है। शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति इस माह में सोमवार का व्रत करता है भगवान शिव उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु ज्योर्तिलिंग के दर्शन के लिए हरिद्वार, काशी, उज्जैन, नासिक समेत भारत के कई धार्मिक स्थलों पर जाते हैं।

उन्होंने बताया की सावन के महीने का प्रकृति से भी गहरा संबंध है क्योंकि इस माह में वर्षा ऋतु होने से संपूर्ण धरती बारिश से हरी-भरी हो जाती है। ग्रीष्म ऋतु के बाद इस माह में बारिश होने से मानव समुदाय को बड़ी राहत मिलती है। इसके अलावा श्रावण मास में कई पर्व भी मनाए जाते हैं। श्रावण के पावन मास में शिव भक्तों के द्वारा कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान लाखों शिव भक्त तीर्थ स्थलों से गंगा जल से भरी कांवड़ को अपने कंधों रखकर पैदल लाते हैं और बाद में वह जल भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। सालाना होने वाली इस यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को कांवरिया अथवा कांवड़िया कहा जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button