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वाह प्रधान जी,जेसीबी से नाला खुदवाकर मनरेगा मजदूरों का हक मार रहे आखिर क्यों,

आसिफ़ राजा ब्यूरो चीफ़

फर्रुखाबाद शमसाबाद। कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा तो नहीं अगर हकीकत को देखा जाए तो आज के दौर में शहर से लेकर गांव तक भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत हो गई अब उन्हें उखाड़ना अधिकारियो के बस में शायद नहीं है जबकि एक सरकार तथा प्रशासन भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहा है अफसोस जन प्रतिनिधि लाखों के हर फेर के चक्कर में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं साथ ही मनरेगा में कार्य करने वाले गरीबों के हकों को भी छीन रहे हैं ऐसा ही एक मामला शमशाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम खुड़ीना खार में देखने को मिला जहां सारे नियमों को ताकतवर कर ग्राम प्रधान द्वारा जेसीबी से नाला खुदवाया गया जो ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है बताते हैं पानी के निकास के लिए ग्राम प्रधान द्वारा सचिवालय के निकट नाला खुद वाया जाना था मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों से कार्य कराया जाना चाहिए था लेकिन यहां ग्राम प्रधान की मनमानी के चलते जेसीबी के सहारे नाला खुदवाया गया जो ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है सबसे बड़ी बात यह है मनरेगा के अंतर्गत कार्य करने वाले मजदूर उन्हें भी काफी मायूस देखा गया मजदूरों का कहना था सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी देकर दो वक्त की रोजी-रोटी देने का प्रयास किया लेकिन जन प्रतिनिधि अवैधानिक तरीके से कार्य कराकर उनके हकों पर डाका डाल रहे हैं जो बास्तबिक गलत है नाम न छापने की शर्त पर कई लोगों ने बताया ग्राम प्रधान द्वारा ऐसे और भी अनैतिक कार्य कराए गए जिससे मनरेगा में मजदूरों का हक मारा गया बो गरीब है मजबूर है किसी से शिकायत भी नहीं कर सकते क्योंकि शिकायत करेंगे प्रधान जी काम भी नहीं देंगे,
सूत्रों की माने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नाम पर वैसे भी भ्रष्टाचार का आलम देखा जा रहा है क्योंकि मनरेगा के तहत कार्य के नाम पर ग्राम प्रधान प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हजारों लाखों के बारे न्याय कर रहे है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है सूत्रों की माने तो मनरेगा के कार्य में मजदूरों का मजदूरी करते हुए सिर्फ फोटो खिंचवाए जाते है जबकि मजदूरी का पैसा चहेतो के खाते में डाला जाता है बाद में उक्त लोगो को चार पांच सौ रुपए का लालच देकर निकलबा लिया जाता है
लोगों का कहना था अगर सत्यता की जांच कराई जाए तो ऐसी दर्जनों ग्राम पंचायते हैं जहां जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार के दल दल में फसे हुए है क्योंकि कार्य प्रगति हेतु कार्य करना तो दर्शाया जाता है लेकिन मौके पर सिर्फ चंद्र लोगों का मजदूरों के रूम में फोटो खिंचवा कर काम बनाया जाता है मालूम रहे विगत दिनो पूर्व दनियापुर के निकट एक प्राइवेट ठेकेदार द्वारा ट्रैक्टर के सहारे चकरोड पर मिट्टी डलबा कर कार्य दर्शाया गया था लेकिन हकीकत कुछ और थी यहां चक रोड़ पर हैरो चलाबाया गया था जब ग्राम प्रधान से जानकारी की गई तो ग्राम प्रधान कहना था उन्हें मालूम ही नहीं को पता ही नहीं कार्य कौन करवा रहा लोगों का कहना था सरकार ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ करती लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते शमशाबाद में भ्रष्टाचार रूपी अमरबेल खूब फल फूल रही है।

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